कन्हैया ने मिट्टी खाने के बहाने अपनी माता यशोदा को मुख में ब्राह्मण्ड के दर्शन करवाए कुलभूषण गर्ग

कन्हैया ने मिट्टी खाने के बहाने अपनी माता यशोदा को मुख में ब्राह्मण्ड के दर्शन करवाए कुलभूषण गर्ग

फिरोजपुर 01 मार्च 2023 [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]:=

फिरोजपुर छावनी में श्री सनातन धर्म रामायण अखंड पाठ मंडली एवं धर्मार्थ औषधालय (रजिस्टर्ड) की ओर से श्री धू्मि जी महाराज कि 76वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन स्वामी आत्मानंद पुरी जी महाराज के आशीर्वाद और प्रेरणा से कुलभूषण गर्ग ने कथा करते हुए बताया कि गोकुल में नवमी के दिन भगवान श्री कृष्ण जी का बड़ी धूमधाम से जन्मोत्सव मनाया गया।
भगवान शंकर श्रावन मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी के दिन श्री कृष्ण के दर्शन करने आए। शंकर योगीश्वर और कृष्ण योगेश्वर का मिलन हुआ।
चतुर्दशी के दिन पूतना आई।और कन्हैया को अपने स्तनों पर विष लगा दूध पिलाने लगी। कन्हैया तो दूध पीता ही रहा और पूतना धीरे-धीरे निष्प्राण हो गई। परमात्मा ने पूतना का भी उद्धार किया। उसके बाद कन्हैया ने पूतना के भाई शकटासुर का वध किया,उस समय कन्हैया की आयु 108 दिन (3 महीने 18 दिन) की थी।
गर्गाचार्य नामकरण विधि और नामकरण-संस्कार संपन्न करने हेतु आए।
कन्हैया ने अब माखन चोरी के लिए एक बाल गोपाल चौरयविद्या प्रचार मंडल बनाया और अपने मित्रों से कहा कि चोरी करते समय मेरे गुरु ने एक मंत्र बताया था कि कफल्लम्-कफल्लम् का पाठ करने से,अगर हम पकड़े भी गए तो छूट जायेगें।
कफल्ल ऋषि ने चौरयविद्या का प्रचार किया था।
याद रखो कि वह मंत्र कन्हैया ने अपने मित्रों को दिया था। हमें नहीं।हमें कहीं भी चोरी करनी नहीं है।
माखन चोरी लीला का यही रहस्य है।मन माखन-सा मृदु है। मन की चोरी ही तो माखन चोरी है। कृष्ण औरों के चित्त चुरा लेते हैं, फिर भी वे पकड़े नहीं जाते।
श्री कृष्ण जी ने कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन गायों की पूजा की और गायों को फूल माला पहनाकर उन्हें मिठाईयां खिलाई।
एक बार कन्हैया ने मिट्टी खाने के बहाने यशोदा जी को अपने मुख् में ब्राह्मण्ड के दर्शन कराएं।
इसके बाद परमात्मा ने दामोदर लीला की। सुखिया मालिनी को कन्हैया ने अपने दर्शन देकर उसकी टोकरी रत्नों से भर दी। भगवान ने यमलार्जुन उद्धार किया एवं कालिया नाग पर कृपा की।
श्रीमद्भागवत मृत्यु के बाद मुक्ति दिलाने वाला शास्त्र नहीं है, वह तो जीते जी मुक्ति दिलाता है।
मृत्यु के बाद मुक्ति मिले या ना मिले यह कौन जान पाता है।
यह भागवत ग्रंथ ऐसा दिव्य है कि सात ही दिनों में मुक्ति दिलाता है।
और मालूम रहे कि आज की पूजा और ज्योति प्रज्वलित नरेश गोयल, श्रीमती सुनीता मित्तल, श्रीमती रजनी मडाहर और श्रीमती शशी सिंगला ने करवाई।

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