कन्नौज:दो दिवसीय आई. पी. एम. एच. आर. डी. कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

दो दिवसीय आई. पी. एम. एच. आर. डी. कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

✍️संवाददाता कन्नौज
जलालाबाद (कन्नौज )भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन क्षेत्रीय केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र लखनऊ द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र अन्नौगी में दो दिवसीय आई. पी एम. एच. आर. डी. कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डा. वी के कनौजिया, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र कन्नौज ने रासायनिक कीटनाशकों के अंधाधुंध एवं असुरक्षित उपयोग से मानव शरीर एवं पर्यावरण पर होने वाले दुष्परिणाम के बारे में बताया। डॉ कनौजिया ने बताया कि आई. पी एम. वनस्पति संरक्षण के साथ साथ पर्यावरण, पारिस्थितिक तंत्र, जैव विविधता एवं प्रकृति को सुरक्षित तथा समाज को स्वस्थ एवं संपन्न बनाने का महत्वपूर्ण आयाम है।
रीजनल सेंट्रल आई. पी. एम. सेंटर के प्रभारी अधिकारी डॉ. ज्ञान प्रकाश सिंह, उप निदेशक ने आई. पी. एम. की वर्तमान प्रासंगिकता, महत्व, आई. पी. एम. की विधियों तथा उसकी उपयोगिता का संक्षिप्त वर्णन किया। डॉ सिंह ने बताया कि मनुष्यों में कैंसर जैसी तमाम बीमारियों का एक प्रमुख कारण फसलों पर रासायनिक कीटनाशी का अंधाधुंध एवं अनुचित उपयोग ही है। डॉ सिंह ने कहा कि किसानों द्वारा रासायनिक कीटनाशी के अत्यधिक एवं गलत उपयोग के कारण फसल उत्पादन की लागत बढ़ रही है और साथ साथ विभिन्न कृषि उत्पादों जैसे बासमती चावल में ट्राइसाइक्लाजोल एवं बुप्रोफेजिन रासायनिक कीटनाशकों के अवशेष की वजह से बासमती चावल का निर्यात प्रभावित हो रहा है। डॉ सिंह ने आई. पी. एम. के अंतर्गत जैविक फंफूदनाशी जैसे ट्राईकोडर्मा से बीज एवं मृदा उपचार तथा ब्यूवेरिया बैसियाना से मृदा उपचार, मेटाराइजियम एनिसोपली का छिड़काव, पीला एवं नीला चिपचिपा प्रपंच, फेरोमोन ट्रैप, प्रकाश प्रपंच, नीम सीड कर्नल एक्सट्रैक्ट इत्यादि का प्रयोग रासायनिक कीटनाशी के विकल्प के तौर पर प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया। श्री सिंह ने बताया कि एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन (आई पी एम) अपनाने से रासायनिक कीटनाशी पर लगने वाला लागत कम होने के साथ – साथ बगैर कीटनाशी के कृषि उत्पाद पैदा होगा जिसके विपणन एवं निर्यात से अच्छा मूल्य मिलेगा जो कि किसानों की आय दोगुनी करने हेतु एक महत्वपूर्ण एवं प्रभावी उपाय है I डा. पूनम सिंह, वैज्ञानिक ने कृषकों को पोषण वाटिका में आई. पी. एम अपनाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन अमित सिंह, सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी ने किया और कार्यक्रम में उपस्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ विनोद कुमार तथा क्षेत्रीय केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र के श्री बिजेंद्र सिंह, सहायक निदेशक,डॉ अमरेंद्र यादव कृषि मौसम वैज्ञानिक , अमित प्रताप सिंह मौसम प्रेक्षक के वी के कन्नौज, के पी पाठक, डॉ डी के सिंह, अमित कुमार सिंह, वनस्पति संरक्षण अधिकारी तथा डॉ राहुल सुतार एवं डॉ सुधीन्द्र संशि, सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी इत्यादि ने आई पी एम से संबंधित सभी विषयों के बारे में कृषकों को प्रशिक्षण दिया और साथ साथ ही आई पी एम प्रदर्शनी के माध्यम से किसानों को आई पी एम की विभिन्न तकनीकी से जानकारी दी।

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