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*नो स्मोकिंग डे 9 मार्च को विशेष
*तम्बाकू का नशा मतलब जीवन की दुर्दशाःडा गीतम सिंह**
👉कोरोना काल में जानलेवा धूम्रपान
कन्नौज
तम्बाकू के सेवन से जहां स्वास्थ्य खराब होता है वहीं यह हमें आर्थिक रूप से कमजोर भी बनाता है। धूम्रपान को अपनी दिनचर्या से बाहर करने के लिए यदि कोई समझौता भी करना पड़े तो करें। बगैर तंबाकू से आपका जीवन सरल, सहज और सुंदर होगा। यह कहना है तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल डॉ. गीतम सिंह का। डॉ. सिंह ने बताया कि हर साल मार्च महीने के दूसरे बुधवार को नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है। इस बार यह दिवस 9 मार्च को पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि तम्बाकू न सिर्फ इस्तेमाल करने वालों को नुकसान पहुंचाता है।बल्कि उनके आस-पास के लोगों को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है। इस कारण सिगरेट, गांजा, वाटरपाइप या वैप आदि ऐसी किसी भी चीज का सेवन करने वालों के लिए यह और गंभीर खतरा हो सकता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस मुंह और नाक से निकलने वाली छोटी बूंदों के माध्यम से फैलता है,तंबाकू का सेवन करने वाले अक्सर थूकते हैं, जो इस खतरनाक वायरस को फैलाने का एक बड़ा माध्यम बन कर अतिरिक्त खतरा पैदा कर सकता है। तंबाकू सेवन छोड़ कर आप कोरोना वायरस से जुड़े खतरे को कम करने के अलावा ज्यादा स्वस्थ रहेंगे और हृदय रोग, कैंसर, फेफड़ों की बीमारियों के अलावा तंबाकू संबंधित दूसरी बीमारियों का खतरा भी आपको कम होगा।
तम्बाकू नियंत्रण के जिला सलाहकार डा.रवि प्रताप ने बताया कि तंबाकू का सेवन तकरीबन हर उम्र के लोगों द्वारा किया जाता है। ज्यादातर महिलाओं, युवाओं और किशोरों में तम्बाकू व धूम्रपान का सेवन फैशन के रूप किया जाता हैं पर इसकी शुरूआत किसी भी रूप में क्यों न हो लेकिन ये कब आदत फिर जरूरत और फिर लत बन जाती है।
उन्होंने बताया कि लोगों में तम्बाकू की बढ़ती लत रोकने के लिए सरकार द्वारा तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा बनाया गया है। इसके तहत18 वर्ष से कम आयु के लोगों को तंबाकू उत्पाद बेचने ,सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तम्बाकू की दुकान, रेहड़ी इत्यादि लगाने पर पूर्ण प्रतिबंध है। ऐसा करने वालों से चलान कर कानूनी कार्यवाही की जाती हैं। इसके अलावा अभी कोविड-19 संक्रमण के दौरान भी अगर किसी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थल पर तम्बाकू सेवन करते हुए या थूकते हुए पाया जाता है तो उसे आर्थिक दंड के साथ ही कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान लागू किया गया है।
👉लत छुड़ाने के लिए जिला अस्पताल में बना काउंसलिंग सेन्टर
जिला अस्पताल कन्नौज में तैनात साइकोलाजिस्ट काउसंलर महेन्द्र प्रताप ने बताया कि तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने वाले की लत छुड़ाने के लिए जिला अस्पताल कन्नौज में 6 वर्षों से काउंसलिंग सेंटर बना हैं। काउंसलिंग सेन्टर पर अब तक लगभग 13,000 (तेरह हजार) लोगों की काउंसलिंग की गई है। काउंसलिंग के दौरान लोगों को तम्बाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी दी जाती हैं इसके साथ तम्बाकू की लत छुड़ाने के लिए निकोटिन च्वींगम,निकोटिन पैच आदि दिए जाते हैं।
Kee message बगैर तंबाकू से आपका जीवन सरल, सहज और सुंदर होगा