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कपिध्वज, धर्मध्वजा यहां स्थापित हो उस स्थान के सभी वास्तु दोष नष्ट हों जाते हैं
फ़िरोज़पुर 22 नवम्बर {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता} :-
विश्व प्रख्यात वृन्दावन से आए व्यास पीठ से कथा वाचक श्रीराम द्विवेदी जी श्री मुनीश शर्मा, योगिता शर्मा के घर फिरोजपुर भ्रमण यात्रा के लिए आए। हर घर कपि ध्वज भगवा देख, राम नाम अक्षर देख बहुत प्रभावित हुए। फिरोजपुर की धार्मिक एव समाजिक संस्थाओं ने उन्हे सन्मानित किया। अपने प्रवचन में द्रिवेदी जी ने बार बार कपि ध्वज, तिलक की महिमा के बारे में विस्तार से वर्णन किया कि कुंती के पुत्र अर्जुन को कपिध्वज के नाम से जाना जाता है। कपि का अर्थ है हनुमान और ध्वज का अर्थ है झंडा। कपिध्वज का अर्थ है जिसके ध्वज पर हनुमान हैं। श्री मद्भागवत गीता के प्रथम अध्याय के प्रथम अध्याय के 20वें श्लोक में जो कपिध्वज का वर्णन आता है, जो महाभारत शुरू होने से पहले वीर हनुमान की भीम सैन की भेंट हुई। हनुमान ने भीमसैन जी को एक वरदान के रूप में ध्वज दिया, जो कपिध्वज के रूप में अर्जुन के रथ पर विराजमान हुआ और इस प्रकार पांडवों की विजय निश्चित हुई। फिरोजपुर का भारत पाक बॉर्डर देख श्री कृष्ण मन्दिर, राधा कृष्ण मन्दिर हनुमान धाम, श्री परविंद्र सिकरी, श्री निर्मलजीत अरोड़ा, अश्वनी शर्मा, मोहित कुमार मिक्की, सचिन नारंग,संजय ग्रोवर,राकेश ग्रोवर, विपन सेठी, हैप्पी बजाज, बलदेव अरोड़ा, विप्र बंधु शर्मा, गुलशन चावला, संजीव चावला सभी को धर्म के कार्य करते रहेंव आशीर्वाद दे वृन्दावन प्रस्थान किया।