कोरोना काल में खुद को मानसिक तनाव से दूर रखें : डा.राम मोहन तिवारी

कोरोना काल में खुद को मानसिक तनाव से दूर रखें : डा.राम मोहन तिवारी

किसी भी बीमारी से उबरने के लिए मानसिक रूप से मजबूत रहना बहुत जरूरी होता है। कोरोना काल में तो मानसिक तौर पर स्वस्थ रहना और भी आवश्यक है। कोरोना को लेकर अब तक जो भी अनुभव रहे हैं। उनसें यह बात साफ हो जाती है कि जो लोग मानसिक तौर पर मजबूत दिखें वह जल्दी स्वस्थ होकर गए और जो लोग मानसिक तौर पर मजबूत नहीं दिखे।उन्हें स्वस्थ होने में वक्त लग गया। इसलिए कोरोना को लेकर मानसिक तौर पर मजबूत रहें और बचाव के लिए सावधानी बरतें। यह कहना हैं मानसिक स्वास्थ्य के नोडल व एसीएमओ डा.राम मोहन तिवारी का |
डा.तिवारी बताते है कि कोरोना पीड़ित एक साथ पारिवारिक,सामाजिक व व्यक्तिगत तनाव में जीते हैं। ऐसे में उनका हौसला बढ़ाया जाना जरूरी है।मरीज को किसी भी तरह का तनाव लेने से बचना चाहिए। इसके लिए अपनी सोच को पॉजिटिव व जीवन शैली को नियमित रखें। समय पर संतुलित आहार लें। समय से सोएं और सात से आठ घंटे की नींद लें। अच्छी नींद लेने से शरीर अच्छे केमिकल मैसेंजर रिलीज करता है। उन्होंने बताया कि इसके उलट नींद पूरी न होने पर ऐसे मैसेंजर रिलीज होने लगते हैं। जो आपको तनाव और एंजाइटी की ओर ले जाते हैं। इससे भावात्मक इम्यूनिटी भी प्रभावित होती हैं। यानि मानसिक इम्यूनिटी के लिए पूरी नींद टाँनिक का काम करती है। डा.तिवारी ने बताया कि कोरोना से संक्रमित होने पर सबसे जरूरी है कि मनोबल बनाए रखें। मनोबल ऊंचा होगा तो समझिए बीमारी पर आधी विजय हासिल कर ली। निगेटिव खबरों की अनदेखी करें।आजकल जो स्थिति है। उसमें इंटरनेट मीडिया से थोड़ी दूरी बना कर रखना ही बेहतर है। दरअसल निगेटिव खबरें देखने और सुनने से भी शरीर में ऐसे केमिकल मैसेंजर पैदा होने लगते हैं जो प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देते हैं। कोविड के मामलों में भी यह देखने में आ रहा है कि डिप्रेशन में आकर मरीज की परेशानी कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए खुश रहने का प्रयास करें। घर वालें भी ध्यान रखें कि मनोबल तोड़ने जैसी बातें न करें।
क्या करें मानसिक बीमारी से बचाव के तरीकों पर प्रकाश डालते हुए डॉ. तिवारी ने बताया यदि किसी को मानसिक बीमारी है तो उसे तनाव को नियंत्रित करना होगा, नियमित चिकित्सा पर ध्यान देना होगा, पर्याप्त नींद लेनी होगी। समस्या से ग्रसित व्यक्ति पौष्टिक आहार लें व नियमित व्यायाम करें। वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी निशुल्क सेवा के लिए सभी जिलों के लोगों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के निदान के लिए टोल फ्री नं. 08046110007 या डायल 104 पर कॉल कर भी जरुरी परार्मश ले सकते हैं।

मानसिक तनाव के लक्षण

डॉ. तिवारी ने बताया कि तनाव होने के कारण शारीरिक एवं मानसिक दोनों स्तर पर बदलाव देखने को मिलते हैं। तनाव होने के कारण शरीर स्तर पर अधिक पसीना का आना, अत्यधिक थकान का होना, मुँह का बार-बार सूखना एवं साँस लेने में तकलीफ़ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। जबकि तनाव से मानसिक स्तर पर भी बदलाव आते हैं, जिसमें अत्यधिक चिंता एवं ध्यान केन्द्रित करने में समस्या होती है।
इन बातों का रखें ख्याल
ज्यादा समय रचनात्मक कार्यों में व्यतीत करें। परिवार, दोस्त, सहकर्मी के साथ बिताए, एक-दूसरे का ख्याल रखें। उनसे अपनी मन की बात शेयर करें। किसी भी प्रकार के नशे के सेवन से बचें। सोशल मीडिया द्वारा फैलाए जा रहे भ्रामक अफवाहों से दूर रहें। संतुलित डाइट लें। कुछ समय योग, ध्यान और एक्सरसाइज करने में जरूर लगाएं।

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