ब्यूरो रिपोर्ट अयोध्या।
जिले के पत्रकार पाटेश्वरी सिंह पर मंगलवार की देर शाम जानलेवा हमला किया गया वह मार्केट से सब्जी लेकर घर लौट रहे थे कि स्कार्पियो सवार अज्ञात बदमाशों ने लोहे की रॉड से पीटकर किया मरणासन्न कर दिया। जबतक आसपास के लोग दौड़े तबतक हमलावर भाग निकले। नाजुक हालत में पत्रकार को जिला अस्पताल में कराया भर्ती कराया गया है। पत्रकार पाटेश्वरी सिंह कोतवाली नगर क्षेत्र के कौशलपुरी कॉलोनी में रहते हैं। घटना की सूचना पर नगर कोतवाल सुरेश कुमार पांडे चौकी प्रभारी सिविल लाइन ने पहुंचकर जिला चिकित्सालय में जानकारी हांसिल की। इस लोकतंत्र में पत्रकार सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है की पत्रकारों के साथ किसी भी तरह से दुर्व्यवहार नहीं सहा जाएगा वही अयोध्या जिले मे ही नही अलग-अलग क्षेत्रों में पत्रकारों के साथ लूट मारपीट और अभद्रता जैसे घटनाएं सामने आ रही है ।
प्रिंट मीडिया के पत्रकार पाटेश्वरी सिंह पर जानलेवा हमला किया गया।सब्जी लेकर पाटेश्वर सिंह घर लौट रहे थे स्कार्पियो सवार अज्ञात बदमाशों ने लोहे के रॉड से पीटकर किया मरणासन्नकर दिया। उन्हें नाजुक हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया । कोतवाली नगर के कौशलपुरी कॉलोनी के फेस वन मे घटना को अंजाम दिया गया । प्रशासन इस मामले को संज्ञान में लें नहीं तो वह दिन दूर नहीं जहां देश के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों का नामोनिशान मिटता रहेगा । एक पत्रकार दबाव, प्रभाव और अभाव में पत्रकारिता नहीं कर सकता। इसलिए समाज के स्वघोषित ठेकेदारों को खुद समझना होगा कि जो सत्य होगा उसे निडरतापूर्वक लिखा जाएगा। एक पत्रकार को गलत मार्ग पर ले जाकर, पत्रकार धर्म के विरुद्ध कार्य करवाने की चेष्टा लोक तंत्र को जीवंत रखने के विरुद्ध है। कोई भी खबर चलाने के बाद खबर को हटाने या अपने पक्ष में झूठी खबर चलाने का दबाव न बनाएं क्योंकि इसमें सफलता नहीं मिलेगी और तब आप स्वयं को अपमानित महसूस करेंगे। पत्रकार का प्रथम धर्म है की वह निडर होकर निष्पक्षता के साथ सत्य की लड़ाई लड़े, सत्य का साथ दें और सत्य को उजागर करें। आपको खबरों से संतुष्ट या नाखुश होने का पूर्ण अधिकार है एक पत्रकार अपनी जानकारी में झूठी या गलत खबर नहीं चला सकता । पत्रकार किसी का दुश्मन नहीं होता ना ही किसी व्यक्ति विशेष, समुदाय से कोई बैर रखता है। वह तो केवल सत्य का साथी होता है। आप सही हैं, हम सदैव आपके साथ खड़े मिलेंगे। आप गलत हैं तो आप हमें अपना दुश्मन भले ही समझे लेकिन पत्रकार तब भी सत्य ही लिखेगा। पत्रकार धर्म के विरुद्ध होकर आत्मग्लानि का कोई ऐसा कार्य नहीं कर सकता जिसमें वह स्वयं ही अपनी नजरों में गिरे ।
कसम है इस बावली हवा का रुख मोड़ देंगे,
या खुद को वाणी पुत्र कहना छोड़ देंगे।
जिस दिन डर जायेंगे हम सत्य लिखने से,
कागज को फाड़ देंगे, कलम को तोड़ देंगे।।
पत्रकारो पर हो रहा हमला लोक तंत्र पर हमला है।ऐसे हमले के खिलाफ शासन प्रशासन को पत्रकार संगठनों द्वारा लिखित तौर पर अवगत भी कराया जा रहा है लेकिन कोई ठोस कदम लोकतंत्र की स्वतंत्रता के लिए नही उठाया जा रहा है।जो निंदनीय है।