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विकसित भारत 2047 के लिए गौरवशाली इतिहास एवं विरासत को जानना आवश्यक : राज्यसभा सांसद सुभाष बराला

विकसित भारत 2047 के लिए गौरवशाली इतिहास एवं विरासत को जानना आवश्यक : राज्यसभा सांसद सुभाष बराला।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

विकसित भारत को लेकर सभी क्षेत्रों में उन्नति को किया लक्षित : डॉ. ओमप्रकाश पांडे
प्राचीन ज्ञान को संचित कर जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता : डॉ. वीरेन्द्र पाल।
नवाचार एवं सृजनात्मकता का वातावरण विकसित भारत की नींव : डॉ. विजय कुमार।
केयू डॉ. आरके सदन में लोक प्रशासन विभाग एवं न्यू पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन सोसायटी ऑफ इंडिया के सहयोग से दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ समापन।

कुरुक्षेत्र, 21 फरवरी : राज्य सभा सांसद सुभाष बराला ने कहा है कि विकसित भारत 2047 के लिए हमें अपने गौरवशाली इतिहास एवं विरासत को जानना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण देशों के साथ वैश्विक संबंधों को मजबूत कर भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई गति दी है। अभी हाल ही में यूरोपीय देशों के साथ भारत के संबंधों में प्रगाढ़ता आई है जिसकी विकसित भारत 2047 में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। यह विचार उन्होंने शुक्रवार को केयू डॉ. आरके सदन में कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में लोक प्रशासन विभाग एवं न्यू पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन सोसायटी ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में ‘विकसित भारत 2047 : चुनौतियां, अवसर एवं विकास’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यातिथि राज्य सभा सांसद सुभाष बराला, अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. ओमप्रकाश पांडे, कुवि कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल तथा जीजेयू कुलसचिव डॉ. विजय कुमार, सेमिनार निदेशक प्रो. राजेश कुमार, सचिव प्रो. जनक सिंह मीना ने दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
राज्य सभा सांसद सुभाष बराला ने कहा है कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गौरवशाली इतिहास के साथ समृद्ध विरासत को जाने के साथ सनातन परम्परा का निर्वहन करने की आवश्यकता है। नई तकनीक के साथ सनातन संस्कृति एवं विचार को साथ लेकर चलने की जरूरत भी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने कृषि, निर्माण, अंतरिक्ष, विज्ञान व सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। इसके साथ ही प्रयागराज में सनातन संस्कृति की मान्यता पर्यटन के साथ विकसित हुई है। उन्होंने कहा कि जिस भारत के पास शिक्षित मानव संसाधन है वह हर चुनौती से पार पा सकता है। उन्होंने भारत माला एवं सागर माला परियोजना के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों से युवाओं को पढ़ाई के साथ खेल में आगे बढ़ाने का आह्वान किया ताकि युवा सही दिशा में अपने कदम बढ़ा सके। इस अवसर पर मुख्यतिथि सांसद सुभाष बराला को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डॉ. ओमप्रकाश पांडे ने कहा कि 2047 विकसित भारत को लेकर आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरण एवं सुशासन के साथ उन्नति को लक्षित किया गया है। इसे लेकर स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, नवाचार एवं उद्यमिता पर जोर दिया गया है। उन्होंने तकनीकी पर अत्यधिक न आश्रित होने की बात कहते हुए चिप को लेकर व्यक्तिगत जानकारी लीक होने पर भी प्रकाश डाला।
कुवि कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल ने बतौर विशिष्ट अतिथि कहा कि हमें अपने प्राचीन ज्ञान को संचित कर जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान को सत्यापित करने की जरूरत नहीं है इसलिए विकसित भारत के साथ हमें अपनी मानसिकता को भी विकसित करना चाहिए। प्राचीनकाल में भारतीय ऋषि मुनि सूर्यग्रहण एवं चंद्रग्रहण का सही समय बता देते थे। उन्होंने पूर्व में विकास का मॉडल आयात पर निर्धारित होने की बात भी बताई।
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलसचिव डॉ. विजय कुमार ने विशिष्ट अतिथि कहा कि नवाचार एवं सृजनात्मकता का वातावरण विकसित भारत की नींव है। वर्तमान में भारत विश्व के पांच अग्रणी देशों में शामिल है। किसान अन्नदाता के साथ ऊर्जा दाता भी है। आज कृषि, विज्ञान एवं तकनीक के साथ हर क्षेत्र में भारत तीव्र गति से कार्य कर रहा है।
सेमिनार निदेशक एवं विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश कुमार ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि इस दो दिवसीय सेमिनार में 15 राज्यों के 200 से अधिक प्रतिभागियों ने सहभागिता की। इस अवसर पर सह निदेशक डॉ. ज्योति सहित विभाग के सभी शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

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