केयू ने कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में स्थापित किए नए आयाम : प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

कला उत्सव 2024 कार्यशाला में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त 10 विशेषज्ञ कलाकार युवा कलाकारों को कला की सिखाएंगे बारीकियां।
कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने किया युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से आयोजित चार दिवसीय कला उत्सव 2024 कार्यशाला का उद्घाटन।

कुरुक्षेत्र, 02 मई : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। कला का व्यावहारिक एवं कौशलात्मक ज्ञान आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक है क्योंकि युवाओं में कौशल विकसित कर ही उनके भविष्य का निर्माण किया जा सकता है। यह विचार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने गुरुवार को केयू सीनेट हॉल में युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से आयोजित चार दिवसीय कला उत्सव 2024 कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विद्यार्थियों की मूल्यपरक शिक्षा सहित अकादमिक, शोध, खेल एवं सांस्कृतिक विकास सहित रोजगारपरक शिक्षा प्रणाली पर जोर दिया है। कार्यक्रम का शुभारम्भ सभी अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, कुवि कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी, डीवाईसीए निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया व उपनिदेशक डॉ. गुरचरण सिंह द्वारा कला उत्सव 2024 कैटालॉग का भी विमोचन किया।
कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि केयू ने एनईपी 2020 को कैम्पस एवं संबंधित महाविद्यालयों के यूजी प्रोग्राम्स में देश में सर्वप्रथम लागू किया है। वहीं शोध के क्षेत्र में केयू ने 60 से ज्यादा पेटेंट दर्ज कर प्रकाशित भी किए गए हैं। कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि खेल के क्षेत्र में प्रख्यात माका ट्रॉफी में केयू ने लगातार दूसरे वर्ष तीसरा स्थान व 37वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव में राजकीय विश्वविद्यालयों में प्रथम व ओवरऑल तीसरा स्थान प्राप्त कर गौरवान्वित किया है जिसमें ललित कला विभाग की भी अहम भूमिका रही। उन्होंने केयू परिसर में स्थापित स्वामी विवेकानन्द की मूर्ति को निर्मित करने वाली ललित कला विभाग की पूरी टीम की प्रशंसा करते हुए बधाई भी दी। कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने सभी विद्यार्थियों से कार्यशाला में आए विशेषज्ञ कलाकारों से कला की बारीकियों को ग्रहण करने का आह्वान किया।
इससे पहले युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के नेतृत्व में केयू कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में बहुआयामी सफलता प्राप्त कर रहा है। केयू कुलपति के कुशल मार्गदर्शन में ही विद्यार्थियों के बौद्धिक, सांस्कृतिक एवं कलात्मक विकास के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में युवा कलाकारों की प्रतिभा को निखारने के लिए केयू में 6 क्लब बनाए गए हैं तथा इनके द्वारा भारतीय कला एवं संस्कृति को नया आयाम देने के प्रयास किए जाएंगे।
युवा सांस्कृतिक एवं कार्यक्रम विभाग के उपनिदेशक डॉ. गुरचरण सिंह ने कहा कि युवा कलाकार विद्यार्थियों को कला की बारीकियां सिखाकर उन्हें कला के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों के लिए तैयार करना इस कार्यशाला का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के विजन एवं मार्गदर्शन के कारण ही केयू परिसर में स्थापित की गई स्वामी विवेकानंद की मूर्ति को निर्मित करने में ललित कला विभाग के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के डीन एवं ललित कला विभाग के अध्यक्ष, केयू एलुमनी प्रो. हिम चटर्जी ने बतौर रिसोर्स पर्सन कहा कि केयू कला उत्सव 2024 कार्यशाला के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक धरोहर को विकसित करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है तथा यह युवा कलाकार विद्यार्थियों में कौशलात्मक विकास के लिए वरदान साबित होगी। मंच का संचालन डॉ. हरविन्द्र सिंह द्वारा किया गया।
इस अवसर पर कुवि कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, प्रो. राम विरंजन, प्रो. संजीव अरोड़ा, प्रो. कृष्णा देवी, प्रो. परमेश कुमार, प्रो. विवेक चावला, डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. पवन कुमार, डॉ. ज्ञान चहल, डॉ. राकेश बाणी डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. हरविन्द्र सिंह लौंगोवाल सहित शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।
चार दिवसीय कार्यशाला में प्रख्यात कलाकार सिखाएंगे कला की बारीकियां।
कला उत्सव 2024 के अंतर्गत आयोजित चार दिवसीय कार्यशाला में देशभर के 10 राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारों के साथ केयू फाइन आर्ट क्लब एवं ललित कला विभाग के छात्रों को चित्रकला से संबंधित अनेक सूक्ष्म पहलुओं को सीखने एवं जानने का अवसर मिला है। इन प्रख्यात कलाकारों में राष्ट्रीय अवार्डी अमित दत्त, फ्रीलांस आर्टिस्ट श्रीकांत कदम, ओडिशा के कलाकार मानस रंजन, एचपी यूनिवर्सिटी के प्रो. हिम चटर्जी, वाराणसी से राष्ट्रीय अवार्डी डॉ. सुनील विश्वकर्मा, गुरुग्राम से सुमित्रा अहलावत, आईजीएन ओपन यूनिवर्सिटी न्यू दिल्ली से डॉ. लक्ष्मण प्रसाद, नवल किशोर, आईजी कॉलेज आगरा से डॉ. विजय धोरे व चंडीगढ़ से केयू एलुमनी डॉ. रविन्द्र सिंह शामिल हैं जो कि विद्यार्थियों को कार्यशाला में विभिन्न कला से संबंधित बारीकियों की जानकारी देंगे।
स्वामी विवेकानंद मूर्ति निर्माण में विशेष योगदान के लिए किया सम्मानित।
कला उत्सव 2024 कार्यक्रम के दौरान कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ द्वारा केयू परिसर में स्थापित स्वामी विवेकानंद की मूर्ति निर्माण में विशेष योगदान के लिए ललित कला विभाग के प्रो. रामविरंजन, डॉ. पवन कुमार, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. राकेश बाणी, कुलदीप सिंह, अनिल सिंधू, संजीव, साहिल, अमित कुमार व गोल्डी को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

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