कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने किया सेवानिवृत्त प्रोफेसर के.आर. अनेजा की पुस्तक का विमोचन

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र, 27 मई : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने शुक्रवार को वरिष्ठ लेखक एवं प्रोफेसर के.आर. अनेजा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त, वर्तमान में भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई) देहरादून के पीईजी के विशेषज्ञ सदस्य एवं उनकी स्वर्गीय धर्मपत्नी डॉ. सुषमा अनेजा द्वारा लिखित और आई.के. इंटरनेशनल पब्लिशर्स, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित पुस्तक बीएससी / एमएससी नर्सिंग छात्रों के लिए माइक्रोबायोलॉजी की पाठ्य पुस्तक नामक पुस्तक का विमोचन किया। कुलपति सोमनाथ ने नर्सिंग छात्रों और शिक्षण संकाय के लिए एक अद्भुत पुस्तक लिखने के लिए प्रोफेसर के.आर. अनेजा को बधाई दी, जिसे एक प्रतिष्ठित प्रकाशक द्वारा प्रकाशित किया गया है ।
पुस्तक की सहलेखिका स्वर्गीय डॉ. सुषमा अनेजा एक एचईएस थीं एवं 28 वर्षों तक सेवा देने के बाद हरियाणा माध्यमिक शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त प्रिंसिपल थीं तथा एनएचएस, कोलकाता से कंपाउंड होम्योपैथी में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति में अर्हता प्राप्त करने के बाद 2017 से होम्योपैथी में एक पंजीकृत चिकित्सक रही हैं।
पुस्तक के बारे में बताते हुए डॉ. के.आर. अनेजा ने बताया कि नर्सिंग पेशे के लिए माइक्रोबायोलॉजी, विशेष रूप से मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी को ध्यान में रखते हुए पुस्तक को संरचित किया गया है तथा पुस्तक भाषा-शैली सरल व स्पष्ट है। इसमें नर्सों/नर्सिंग छात्रों के लिए मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी और इम्यूनोलॉजी (टीके, टीकाकरण और सीरोलॉजी) के सभी पहलुओं को शामिल करते हुए 5 इकाइयों के तहत कुल 80 अध्याय शामिल हैं। पुस्तक की विशेषताओं का वर्णन करते हुए डॉक्टर अनेजा ने आगे बताया कि माइक्रोबायोलॉजी का ज्ञान स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के हर क्षेत्र में एक नर्स की मदद करता है, जो संक्रमण के प्रसार के विशिष्ट नियंत्रण से शुरू होता है, खुद को संक्रमण को रोकता है, एक से दूसरे में और निर्जीव वस्तुओं/वातावरण से संक्रमण फैलता है, सड़न रोकनेवाला परिस्थितियों और संग्रह को बनाने और बनाए रखने में मदद करता है। सूक्ष्मजीवों को समझने के लिए आकर्षक छवियों और वैचारिक आरेखों का उपयोग किया जाता है। प्रत्येक अध्याय में मुख्य बिंदु, महत्वपूर्ण प्रश्न और त्वरित समीक्षा के उत्तर के साथ एमसीक्यू शामिल हैं। पुस्तक की एक अनूठी विशेषता यह है कि इसमें टीकों सहित संक्रामक रोगों, उनके प्रेरक एजेंटों, उपचार और निवारक उपायों के बारे में अद्यतन जानकारी है। 21वीं सदी के सबसे हालिया महामारी प्रकोप जैसे 2003 एसएआरएस महामारी जो कोरोना वायरस (एसएआरएस-सीओवी-1) के कारण हुई और एसएआरएस-सीओवी-2 के कारण वर्तमान में चल रही कोविड-19 महामारी पर चर्चा की गई है।
डॉ. के.आर. अनेजा ने वनस्पति विज्ञान और माइक्रोबायोलॉजी विभागों में 34 वर्षों तक अध्यापन कार्य करते हुए छात्राओं को अपने ज्ञान के द्वारा लाभान्वित कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त माइकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (2013-2014) के पूर्व अध्यक्ष हैं और हाल ही में माइकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा प्रतिष्ठित लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड 2022 के लिए चुने गए हैं। वह पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में शिक्षक के चयन के लिए चांसलर / गवर्नर के नामांकित व्यक्ति थे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रकाशकों द्वारा 170 शोध पत्र/समीक्षा/पुस्तक अध्याय, 11 पुस्तकों के लेखक/संपादित माइक्रोबायोलॉजी के विभिन्न क्षेत्रों ( जैसे मौलिक, भोजन, कृषि, चिकित्सा), कवि विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी और 2 लैब मैनुअल प्रकाशित किए हैं।
इस मौके पर कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. सुनील ढींगरा व डॉ. आशीष अनेजा मौजूद थे।

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