सुरहाताल के किनारे अधिसूचित “इको सेंसिटिव जोन “की अधिसूचना वापस लिए जाने के संदर्भ मे एस.डी.एम को सौंपा पत्र
बलिया से रिपोर्ट:- विवेक कुमार पटेल
बलिया सुरहाताल के किनारे करीब एक किलोमीटर तक “इको सेंसिटिव जोन “घोषित होने के कारण बसंतपुर स्थित जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय स्थापना के बाद से ही गरिमा के अनुरूप मूर्त रूप नहीं ले पा रहा है । विश्वविद्यालय में निर्माण कार्य शून्य है और जैसे तैसे पूर्व में निर्मित शहीद स्मारक के कुछ भवनों से ही विश्वविद्यालय का कार्य संपन्न हो रहा है ।इस बीच सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ है कि विश्वविद्यालय का दूसरे परिसर के निर्माण के लिए उक्त स्थापित विश्वविद्यालय परिसर से कई किलोमीटर दूर जमीन आदि की तलाश की जा रही है । महोदय, यह हास्स्यापद है कि अभी पहला ही परिसर अपने स्वरूप में नहीं आ सका तब तक दूसरे परिसर के लिए तैयारी की जा रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि परिसर के विस्तार के पीछे जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के अस्तित्व के साथ छेड़छाड़ करने की कुटिल साजिश रची जा रही है जो बलिया के मान सम्मान पर गहरी चोट होगी । बसतपुर स्थित जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के नाम पर 51 एकड़ की भूमि पर वृहद परिसर एवं परिसर के भीतर गरिमापूर्ण भव्य भवनों का निर्माण तत्काल कराया जाय और उक्त निर्माण कार्य में आ रही बाधाओं को दूर किया जाय । जिस पत्र को लेकर आशीष प्रताप सिंह, रणवीर सिंह, आसुतोष चौबे,अभिनव चंचल ,सुरज सिंह, उपेंद्र सिंह, आलोक सिंह कुंवर, अमित सिंह रहे मौजूद