बिहार:पूर्णिया जिले का मेडिकल हब कहे जाने वाला लाईन बाजार,जहां मौत के सौदागरों की भीड़

एम एन बादल

पूर्णिया जिले का मेडिकल हब कहे जाने वाले लाइन बाजार में फर्जी चिकित्सक और दबंग निजी अस्पताल के लापरवाही से लगातार मरीजो की मौत हो रही है वहीं अस्पताल प्रशासन चुपचाप खामोश खड़ा रहता है, ऐसे अस्पताल प्रवंघक पर कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है। ताज़ा घटना भी इसी राह पर चलते हुए रफा-दफा हो जायेगा। जैसे सहारा,अल्फा,मीड सिटी जैसे दबंग अस्पताल प्रवंघक के साथ हुआ है कुछ ऐसा ही रवैया केबीसी अपोलो अस्पताल प्रबंधक के साथ अस्पताल प्रशासन का होगा।
अररिया जिला के प्लासी थाना क्षेत्र के निवासी रामप्रवेश मंडल की आठ महीने की पुत्री अन्याय की मामूली तबियत बिगड़ी तो स्थानीय छोला छाप डाक्टर के चक्कर में फंसकर रामप्रवेश मंडल अपनी आठ माह की पुत्री को लेकर लाईन बाजार स्थीत केबीजी अपोलो अस्पताल पहुंच गया, पहुंचते ही वेंटिलेटर पर बच्ची को रखने के नाम पर पच्चास हजार रुपए वसूल लिया गया फिर कटिहार मेडिकल कॉलेज से डाक्टर बुलाने के नाम पर बीस हजार रुपए परिजनों से वसूल लिया, लेकिन बच्ची के इलाज के प्रति अस्पताल प्रबंधक लापरवाही दिखाई।चिकित्सक के नाम पर एक फर्जी चिकित्सक को बुलाया गया,परिजन सारी रात कटिहार मेडिकल कॉलेज से आने वाले डॉक्टर का इंतजार करते रहे और मासूम बच्ची तील तील कर आईसीयू में भर्ती रही। परिजनों ने बच्ची को देखने की लाख कोशिश की लेकिन अस्पताल प्रबंधक लगातार बहाना बनाया रहा। सुबह नौ बजे तक जब कटिहार मेडिकल कॉलेज से आने वाले डॉक्टर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने जबरन आईसीयू में घुस गये,बच्ची जिन्दगी मौत की आखिरी सांसें गिन रही थी।परिजन आक्रोशित हो कर हंगामा करने लगे। हंगामा देख तमाम अस्पताल कर्मी फरार हो गये सदर थाना पुलिस को सूचना दी गई पुलिस मौके पर पहुंची बच्ची को दूसरे अस्पताल ले जाने का प्रयास किया गया, लेकिन बच्ची की मौत हो गई।यह है पूर्णिया का मेडिकल हब कहे जाने वाला लाईन बाजार,जहां न्यूज़ कवर करने वाले एक केवल चैनल के साथ हाथापाई की जाती है पत्रकारों को घमकी दी जाती है। उसके बाद भु सब कुछ खामोशी से रफा-दफा कर दिया जाता है। आखिर अस्पताल प्रशासन और पत्रकार संध सार्थक कारवाई करने से परहेज़ क्यों करता है।ऐसी घटनाएं सिर्फ़ छोटे अस्पताल में ही नहीं होती बड़े-बड़े नामवर अस्पताल में भी मुर्दा मरीज़ को आईसीयू में रखा कर परिजनों से रूपए वसूल लिए जातें हैं। ऐसे भी नामवर अस्पताल है जहां कोविड से मरने वाले मरीजों से डेथ सर्टिफिकेट के नाम रकम वसूल लिया जाता है।खैर मामला जो हो पूर्णिया का लाईन बाजार मेडिकल हब इंसान की जिंदगी का नहीं मौत का सौदागर है।

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