सौहार्द और रिश्तों की मिठास का पर्व है लोहड़ी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र : श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय परिवार द्वारा शुक्रवार को लोहड़ी पर्व धूमधाम से मनाया गया। शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता डॉ. शंभू दयाल ने सभी अधिकारियों व गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को लोहड़ी की बधाई देते हुए कहा कि भारत देश भिन्न-भिन्न पर्वों व त्योहारों का देश है। इनमें लोहड़ी अपने देश का प्राचीन व पारंपरिक त्यौहार है। इस दिन सभी लोग अपने गिले-शिकवे अग्नि में स्वाहा करते हुए लोहड़ी उत्सव को धूमधाम से मनाते हैं। इसलिए लोहड़ी को सौहार्द और रिश्तों की मिठास का पर्व कहा जाता है। इस अवसर पर ढोल व नगाड़ों की थाप पर आयुष विवि के अधिकारी व कर्मचारी के साथ विद्यार्थियों ने खुब धमाल मचाया। कुलसचिव डॉ. नरेश भार्गव ने लोहड़ी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोहड़ी परिवर्तन का पर्व है। अग्नि की गर्मी से शीत ऋतु का असर कम होने के साथ ही चारों ओर खुशियों का आगमन होता है। किसान खेतों में नई फसलों के तैयार होने पर खुशी मनाते हैं और महिलाओं द्वारा अग्नि इस दिन लोकगीत गाने की परंपरा है। इन लोकगीतों में सामाजिक परिवेश से जुड़ी किस्से कहानियों का ही वर्णन होता है। जो मूल रूप से जीवन में आगे बढ़ने और अच्छे कार्यों को करने की प्रेरणा देते हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।