![](https://vvnewsvaashvara.in/wp-content/uploads/2023/03/IMG-20230303-WA0026.jpg)
रंगभरी एकादशी पर हुई भगवान भोलेनाथ की पूजा।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877
भगवान भोलेनाथ एवं माता पार्वती की पूजा से है रंगभरी एकादशी : महंत जगन्नाथ पुरी।
कुरुक्षेत्र, 3 मार्च : मारकंडा नदी के तट पर स्थित श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में शुक्रवार को रंगभरी एकादशी के अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा अखिल भारतीय श्री मार्कंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी के सानिध्य में भगवान भोलेनाथ एवं माता पार्वती की पूजा विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ की गई। रंगभरी एकादशी पूजा यजमान के तौर पर संजू मेघा माजरा प्रधान मुनीम एसोसिएशन अनाज मंडी, ज्ञान चंद सैनी, संजीव शर्मा, कृष्ण जलबेहड़ा, प्रदीप, जसबीर सिंह, रघबीर सिंह, सुखविंदर सिंह, संदीप सांगवान, अमरजीत सिंह, संदीप सिंह, गोल्डी, दलबीर सिंह, सुरेंद्र सिंह, महावीर सिंह एवं मांगे राम नागरा इत्यादि ने सुख-सौभाग्य की कामना करते हुए सम्पन्न करवाई। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि रंगभरी एकादशी का संबंध भगवान भोलेनाथ एवं माता पार्वती से है। शेष सभी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा होती है। हर साल फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी मनाई जाती है। इसी दिन आंवला एकादशी या आमलकी एकादशी भी होती है। उन्होंने बताया कि यह एक ऐसा दिन है कि श्रद्धालु भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की पूजा करते हैं। साल भर में ऐसे मौके बहुत कम आते हैं। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि रंगभरी एकादशी के दिन विवाह के बाद पहली बार भगवान शिव माता पार्वती को लेकर अपनी नगरी काशी आए थे। तब शिव गणों और भक्तों ने माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ का गुलाल से स्वागत किया था। तब से हर साल रंगभरी एकादशी पर भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा होती है। रंगभरी एकादशी पूजन उपरांत आरती हुई एवं प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर नाजर सिंह, सुक्खा सिंह, विजय भारद्वाज, बिल्लू पुजारी एवं राधेश्याम भी मौजूद थे।
महंत जगन्नाथ पुरी श्रद्धालु को प्रसाद देते हुए।