कुरुक्षेत्र जयराम विद्यापीठ में सर्वकल्याण एवं कोरोना से मुक्ति के लिए हुआ भगवान श्री राम भक्त हनुमान का पूजन।

कुरुक्षेत्र जयराम विद्यापीठ में सर्वकल्याण एवं कोरोना से मुक्ति के लिए हुआ भगवान श्री राम भक्त हनुमान का पूजन।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161-91877

हनुमान जन्मोत्सव पर ब्रह्मचारियों द्वारा किया गया विद्यापीठ में अखंड सुंदरकांड पाठ।
ब्रह्मचारियों ने विश्व कल्याण की भावना से भगवान श्री राम भक्त हनुमान की आराधना की।

कुरुक्षेत्र, 27 अप्रैल :- ब्रह्मसरोवर के तट पर जयराम विद्यापीठ कुरुक्षेत्र सहित बेरी (रोहतक), जींद, नरवाना, ऋषिकेश, हरिद्वार, वृन्दावन एवं दिल्ली इत्यादि व देश के विभिन्न शहरों में स्थित जयराम संस्थाओं में प्रत्येक वर्ष श्री हनुमान जयंती का भव्य आयोजन होता है। इस अवसर पर हर वर्ष बकायदा मंदिरों को सजाया जाता था लेकिन इस बार भी गत वर्ष की भांति कोरोना महामारी को देखते हुए जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से कोरोना से मुक्ति एवं विश्व कल्याण के लिए प्रतीकात्मक भगवान श्री राम भक्त हनुमान की पूजा अर्चना की गई। परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने श्री हनुमान जयंती महोत्सव के अवसर पर सभी देश वासियों को शुभकामनायें दी और कहाकि इस विपदा की घड़ी में श्री हनुमान की आराधना एक संजीवनी बूटी का भी काम कर सकती है। ब्रह्मचारी ने कहाकि वीर हनुमान तो अपने सच्चे भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं। हमारी भी हनुमान से सभी के लिए मंगल कामनाएं हैं। उन्होंने कहाकि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम सेवक एवं कार्य साधक वीर हनुमान की महिमा अपरंपार है। उनके स्मरण मात्र से ही भूत-प्रेत, पिशाच तथा अनिष्टकारी शक्तियाँ दूर भाग जाती हैं। महावीर, ज्ञान, वैराग्य, बुद्धि के प्रदाता की साधना के अनेक रूप प्रचलित हैं। श्री हनुमान जी अपने भक्त की प्रार्थना सुनकर तत्काल सभी का कष्ट हर लेते हैं। लोक देवता के रूप में भगवान हनुमान की भी आराधना की जाती है। साक्षात परमेश्वर रूद्र हैं। आज के दिन श्री हनुमान जी की आराधना विशेष फलदायी है। जय हनुमान ज्ञान गुण सागर का पाठ भक्तों को सुख शांति के साथ अपने कष्टों से मुक्ति भी दिलाएगा। जयराम विद्यापीठ में आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री तथा विद्वान ब्राह्मणों द्वारा ब्रह्मचारियों के साथ सर्वकल्याण की भावना से अखंड सुंदरकांड पाठ किया गया। आचार्य लेखवार ने बताया कि वीर हनुमानजी भगवान शिव के 11वें अवतार माने जाते हैं और वानरदेव के रूप में इस धरती पर रामभक्ति और राम कार्य सिद्ध करने के लिए अवतरित हुए। हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं। परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से हनुमान चालीसा और सुंदरकाण्ड का पाठ करते हुए पूर्ण विश्व के कल्याण की मंगल कामना की गई। इस अवसर पर के. के. कौशिक, श्रवण गुप्ता, टेक सिंह लौहार माजरा, राजेश सिंगला, प्राचार्य रणबीर भारद्वाज, रामपाल, पुरुषोत्तम, प्रवीण कुमार, सतबीर कौशिक, कर्मचारी रोहित , पंकज एवं रमाकांत पुजारी इत्यादि भी मौजूद थे।
जयराम विद्यापीठ में हनुमान जयंती के अवसर पर पूजन करते हुए।

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