सम्पूर्ण विश्व में भगवान का राम नाम ही सर्वश्रेष्ठ है : समर्थगुरू सिद्धार्थ औलिया।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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मुरथल : ओशोधारा नानक धाम मुरथल में जूम ऑनलाइन आयोजित धर्म चक्र में समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया जी ने परमपद और भगवान के राम नाम का महत्त्व साधकों को बताया कि भगवान और सद्गुरु की कृपा से ही परमपद पाया जा सकता है। कुसंग उसे कहते है जो हमारी भागदौड़ और कामना को बढ़ाए। सत्संग से आन्तरिक यात्रा होती है। सुख दुख से पार परम विश्राम ही परम पद है।
भगवान के नाम राम का श्रवनात्मक उच्च महत्त्व है जिसे वेद और संत ॐ शब्द, उदगीत, नाद, अनाहत नाद, सार शब्द, निरंकार कहते है ।जिसे गुरु नानक जी ओंकार कहते है, जीसस लोगोस , मोहम्मद साहब बाग ऐ आसमान कहते है।
ओशोधारा हिमाचल के संयोजक आचार्य डा. सुरेश मिश्रा ने श्री गुग्गा माड़ी मंदिर कसौली में भक्तों के साथ सत्संग, कीर्तन ,ध्यान और भगवान की आरती करवाई। सनातन धर्म में ध्यान का बहुत महत्व है।
सनातन धर्म के प्रवर्तक भगवान शिव है। भगवान राम , भगवान बुद्ध, और भगवान कृष्ण है। परिवार में एक दूसरे का सम्मान करना बहुत जरूरी है।
निर्विचार और निर्विकार अवस्था के पार निराकार के प्रति जागना ही ध्यान है जहां पर कोई काम , क्रोध, लोभ,मोह , ईर्ष्या, द्वेष और अहंकार नही है।