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नारी शक्ति ही पूरी सृष्टि का आधार है : ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी।
जयराम विद्यापीठ में पूर्णाहुति के साथ हुआ दुर्गा सप्तशती पाठ एवं शतचंडी अनुष्ठान का समापन।
कुरुक्षेत्र, 14 अक्तूबर : जयराम विद्यापीठ में शारदीय नवरात्र महोत्सव के अवसर पर चल रहे दुर्गा सप्तशती पाठ एवं शतचंडी अनुष्ठान का जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से दुर्गा नवमी के अवसर पर विधिवत हवन यज्ञ के साथ समापन हुआ। नौ दिन तक नवरात्रों के अवसर पर चले दुर्गा सप्तशती पाठ व शतचंडी अनुष्ठान के अंतिम दिन श्रद्धालुओं तथा विद्यापीठ के अन्य ट्रस्टियों ने पूर्णाहुति दी। इसी मौके पर कन्याओं का विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजन किया। परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने इस मौके पर नगर वासियों तथा प्रदेशवासियों को दुर्गा नवमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वास्तव में नारी ही इस सृष्टि का आधार है। नारी शक्ति के बिना मानव समाज का कोई भी कार्य सम्पन्न नहीं हो सकता है। भगवान शिव भी आदि शक्ति से पूर्ण माने जाते हैं। ब्रह्मचारी ने कहा कि अगर हम इन नवरात्रों के पावन अवसर पर कन्याओं तथा महिलाओं के सम्मान तथा रक्षा का प्रण लें तभी हमारी पूजा पूर्ण मानी जाएगी। उन्होंने दुर्गा सप्तशती पाठ जाप का महत्व बताया कि मां दुर्गा को प्रसन्न करने सबसे शक्तिशाली साधन है, जिसका जाप करने से हर बिगड़ा हुआ काम बन जाता है और अपार सफलता मिलती है। ब्रह्मचारी ने बताया कि शारदीय नवरात्र में महानवमी पूजन का विशेष महत्व है। महानवमी के दिन मां दुर्गा के मां सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा-आराधना की जाती है। उन्होंने बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन देवी दुर्गा ने असुरों के राजा महिषासुर का वध करके देवी देवताओं को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी। उन्हें महिषासुर मर्दिनी या महिषासुर के संहारक के रूप में भी जाना जाता है। इस मौके पर विद्यापीठ में विशाल भंडारा भी दिया गया, जिसमें संत महापुरुषों के साथ भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
जयराम विद्यापीठ में नवरात्र दुर्गा नवमी के अवसर पर पूर्णाहुति देते हुए तथा आरती करते हुए श्रद्धालु। भंडारा ग्रहण करते हुए ब्रह्मचारी व अन्य।