मध्य प्रदेश// रीवा// द्वितीय अपील के साथ सभी राज्यों में प्रथम अपील की सुनवाई भी हो वर्चुअल//
ब्यूरो चीफ //राहुल कुशवाहा रीवा मध्य प्रदेश…8889284934
कर्नाटक में सूचना आयुक्तों की ऑनलाइन सुनवाई में कोई रुचि नहीं – वीरेश बेल्लूर// आयोगों की पेंडेंसी कम करने का वर्चुअल कोर्ट एक अहम हिस्सा, सुनवाई करें ऑनलाइन जिससे लोगों को मिले त्वरित न्याय।।*
दिनांक 27 अप्रैल 2021, स्थान रीवा मप्र।
सूचना के अधिकार कानून 2005 को समाज के हर वर्ग और देश के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे। इस बीच 44 वें राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमें कर्नाटक से आरटीआई स्टडी सेंटर के ट्रस्टी और वरिष्ठ आरटीआई एक्टिविस्ट वीरेश बेलूर ने भी अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम का संयोजन एवं प्रबंधन सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा के द्वारा किया गया।
⚫ कर्नाटक में सूचना आयुक्तों की ऑनलाइन सुनवाई में कोई रुचि नहीं – वीरेश बेल्लूर
कार्यक्रम का विषय वर्चुअल कोर्ट और प्रथम अपील सुनवाई था जिसमें इसके पूर्व भी पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने वर्चुअल कोर्ट के विषय में अपने तर्क प्रस्तुत किए और कहा कि वर्तमान समय की यह आवश्यकता है जिसे सरकार के साथ-साथ समस्त न्यायालय व्यवस्थाओं को स्वीकार करना चाहिए। वीरेश बेल्लूर ने कहा कि कर्नाटक में कुल 10 सूचना आयुक्त हैं जिसमें से मात्र चार सूचना आयुक्त ईमेल का उपयोग करते हैं। यहां तक कि ई-गवर्नमेंट की सुविधा उपलब्ध है लेकिन इसे व्यवस्थित ढंग से संचालित नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कर्नाटक के विभिन्न जिलों से 8 से 9 सौ किलोमीटर दूर से अपीलार्थी आते हैं और परेशान होते हैं। जहां बंगलौर एक आईटी कैपिटल भी है इस नाते भी इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी कैपिटल में वर्चुअल सुनवाई से संबंधित व्यवस्था अभी ठीक नहीं है और आरटीआई एप्लीकेशन फाइल करने के लिए जो व्यवस्था बनाई गई है उसमें सूचना आयोग द्वितीय अपील को अभी भी व्यवस्थित ढंग से संचालित नहीं कर रहा है। हमारा मानना है कि आरटीआई आवेदन हो अथवा प्रथम अपील सभी में ऑनलाइन सुनवाई और ऑनलाइन फाइलिंग की जानी चाहिए। यह मात्र कोविड-19 पर ही नहीं बल्कि यह व्यवस्था परमानेंट की जानी चाहिए। मध्य प्रदेश के परिपेक्ष में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल सिंह ने मध्य प्रदेश में फेसबुक लाइव के माध्यम से ऑनलाइन सुनवाई का दौर जारी किया है जो काबिले तारीफ है। फेसबुक एक अच्छा प्लेटफार्म हो सकता है। कर्नाटका के विषय में उन्होंने बताया कि हमारे यहां ज़ूम के माध्यम से तो नहीं लेकिन वेबेक्स के माध्यम से सुनवाई की जा रही है लेकिन उसमें बहुत सारी तकनीकी समस्या भी आती है जिसका समाधान नहीं किया जा रहा है।
🔴 द्वितीय अपील के साथ सभी राज्यों में प्रथम अपील की सुनवाई भी हो ऑनलाइन
वीरेश वेल्लूर ने बताया कि उन्हें लगता है कि जिस प्रकार द्वितीय अपील सुनवाइयां की जा रही हैं ऐसे ही प्रथम अपील सुनवाई भी की जानी चाहिए। कर्नाटक में ज्यादातर विभाग कंप्यूटरीकृत होकर इंटरनेट कनेक्शन से जुड़ चुके हैं अतः यह व्यवस्था लाई जा सकती है। कर्नाटक सूचना आयोग में द्वितीय अपील फ़ाइल करने की व्यवस्था अभी प्रायोगिक तौर पर लांच की गई है लेकिन किसी भी सूचना आयुक्त ने इस पर रुचि नहीं दिखाई है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। जहां तक केंद्रीय सूचना आयोग का सवाल है तो वहां एनआईसी के माध्यम से विभिन्न जिलों में अपीलार्थी सुनवाई में भाग ले सकते हैं जो कि बेहतर व्यवस्था कही जा सकती है।
इस विषय में हमारा यह सुझाव है कि समस्त राज्य सूचना आयोग को यह व्यवस्था स्वीकार करना चाहिए। वर्चुअल सुनवाई स्वीकार करना चाहिए साथ ही इस सुनवाई के लिए एक प्रोग्राम और एप्लीकेशन भी स्वतः सरकार को डेवलप करने की जरूरत है जिससे सुनवाई सही ढंग से की जा सके।
🔸संलग्न – कृपया कार्यक्रम से संबंधित वेबीनार की तस्वीरें देखने का कष्ट करें।
🔸🔹 *शिवानंद द्विवेदी सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता जिला रीवा मध्य प्रदेश