महंत जगन्नाथ पुरी ने की स्कंदमाता की उपासना
चैत्र नवरात्रों के पांचवें दिन हुई स्कंदमाता की पूजा उपासना।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र, 26 मार्च : अखिल भारतीय श्री मार्कंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी एवं अन्य संत महापुरुषों ने सर्व कल्याण की भावना से चैत्र नवरात्रों के पांचवें दिन भी विधिपूर्वक पूजन किया। नवरात्रों के पांचवें दिन मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-उपासना की गई। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि आज की पूजा विशेष है क्योंकि धर्म ग्रन्थों में स्कंदमाता को मोक्ष का द्वार खोलने वाली माता कहा गया है। इस लिए मां भगवती के साधकों को स्कंदमाता की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि मां भगवती की महिमा निराली है, वह समस्त मानव समाज का कल्याण करती है। ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त सच्चे दिल से मां को याद करता है, मां उसकी पुकार को जरूर सुनती है और साधक के सभी दुख और दर्द दूर कर देती है। महंत जगन्नाथ पुरी ने कहा कि मां की महिमा अपरंपार है। मां के मुख मंडल पर अलौकिक दिव्य शक्ति प्रकाशित होती है, जो शक्ति और ममता को परिभाषित करती है। मां चारभुजा धारी है, जिनमें एक भुजा में कमल पुष्प, दूसरे में भी कमल पुष्प है, जबकि तीसरा भुजा वरमुद्रा में है। मां का वाहन सिंह है। महंत जगन्नाथ पुरी ने नवरात्रों के पांचवें दिन की पूजा का महत्व बताया कि भगवान स्कंद की माता होने के कारण माता पार्वती को स्कंदमाता कहा जाता है। स्कंदमाता की पूजा सच्ची श्रद्धा और निष्ठा से करनी चाहिए। इस मौके पर स्वामी संतोषानंद, अमरनाथ, परविंदर सिंह, इक़बाल कौर, स्वर्ण कौर, शिव कुमार, संतोष रानी, हंसिका, राजीव दुआ, प्रीति, तुषार दुआ, पीहू, कृष्ण लाल, मिलनजोत सिंह, गुरबक्श सिंह, बिल्लू पुजारी, मामराज मंगला, सुधाकर मंगला, नाजर सिंह, नसीब सिंह, सुक्खा सिंह तथा दलीप इत्यादि भी मौजूद रहे।
चैत्र नवरात्र पर अखंड ज्योति पर पूजा करते हुए महंत जगन्नाथ पुरी एवं श्रद्धालु।