वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
सत्संग में भारी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु।
कुरुक्षेत्र, 30 जून : जग ज्योति दरबार में रविवार होने के कारण भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। महंत राजेंद्र पुरी ने साप्ताहिक सत्संग करते हुए सनातन धर्म में सत्संग का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि मनुष्य जन्म आत्मा को शाश्वत मुक्ति के अंतिम लक्ष्य का अवसर प्रदान करता है, लेकिन हम अपने दैनिक कार्यों में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि हम भूल जाते हैं कि हम आत्मा हैं, शरीर नहीं। उन्होंने बताया कि सत्संग का अर्थ है शाश्वत सत्य से जुड़ना, जो ईश्वर और अक्षरब्रह्म गुरु हैं, जो हमारी आध्यात्मिकता को बढ़ावा देते हैं और हमें बुरी संगत से दूर रखते हैं।
महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि सत्संग व्यक्ति को निर्भय बनाता है और सांसारिक मामलों की अंतिम तुच्छता का बोध कराता है। ईश्वर की कृपा से ही व्यक्ति को यह पवित्र सत्संग प्राप्त होता है। सत्संग में क्षणिक रूप से शामिल होने से भी हमारे सद्गुण विकसित होते हैं और हमारे सभी दोष समाप्त हो जाते हैं। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा है कि हमें अपनी आत्मा की मुक्ति के लिए इस दुर्लभ मानव शरीर से सत्संग अवश्य करना चाहिए। सत्संग का सबसे बड़ा लाभ ईश्वर-साक्षात्कार प्राप्त गुरु के प्रत्यक्ष रूप को पहचानना है जो हमें आध्यात्मिकता सिखाते हैं। सत्संग का सच्चा लाभ पाने के लिए हमें ऐसे गुरु के प्रति भक्ति और निष्ठा विकसित करनी चाहिए।
महंत राजेंद्र पुरी एवं सत्संग में पहुंचे श्रद्धालु।