वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
महंत राजेंद्र पुरी ने बताया भक्ति मार्ग पर चलने से जीवन में आता है सकारात्मक बदलाव।
कुरुक्षेत्र, 4 जुलाई : जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी ने वीरवार को साप्ताहिक सत्संग के कार्यक्रम में बताया कि भक्ति के मार्ग पर चल कर ही मनुष्य अनुशासित जीवन यापन करता है। मनुष्य जीवन से कुरीतियां दूर होती हैं। उन्होंने कहा कि जो मनुष्य भक्ति मार्ग का चुनाव करता है उसके व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव आते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण भगवद् गीता में अर्जुन को कहते हैं कि भगवान की शरण में जाने वाले चार तरह के भक्त होते हैं। पहले वे जिनके भीतर आत्मा परमात्मा को जानने की जिज्ञासा हो, दूसरे सांसारिक इच्छाओं के लिए, स्वर्ग या मोक्ष प्राप्ति के लिए, तीसरे संसार के दुखों व विपरीत परिस्थितियों से पीड़ित होकर व चौथे ज्ञानीजन होते हैं जो विवेक से व निस्वार्थ भाव से परमात्मा की शरणागत होते हैं। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि परमात्मा को जानना ही मनुष्य जीवन का परम लक्ष्य होना चाहिए। ज्ञानी भक्त शास्त्रों के अनुसार आचरण करता है। वह पूर्ण ब्रह्मनिष्ठ संत की शरण में जाकर शास्त्र सम्मत ब्रह्म ज्ञान प्राप्त करके अपने भीतर आत्मा की गहराइयों में ही परमात्मा की खोज करता है। ऐसा भक्त निरंतर भक्ति मार्ग पर दृढ़ता से गुरु आज्ञा में चलते हुए परम लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है। उसके भीतर धैर्य, शील, संतोष, दया, क्षमा सभी गुण अनायास ही प्रकट हो जाते हैं।
महंत राजेंद्र पुरी एवं श्रद्धालु।