वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
शिक्षक बच्चों को भारतीय संस्कार, संस्कृति एवं सनातन की शिक्षा दें।
कुरुक्षेत्र, 27 जून : जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी ने सनातन प्रचार अभियान को जारी रखते हुए गुरुवार को दरबार में सत्संग के उपरांत कुरुक्षेत्र के करीब एक दर्जन गांवों के कार्यक्रमों में भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि मनुष्य जीवन पंच तत्वों से बना है और पंच तत्वों की शुद्धि के लिए हवन यज्ञ आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति परम्परा के अनुसार हर घर में हवन यज्ञ अवश्य होना चाहिए। उन्होंने प्राचीन भारत एवं प्राचीन परम्पराओं पर चर्चा करते हुए कहा कि हमें फिर से उस भारत का निर्माण करना है जिसमें बुजुर्गों का सम्मान हो। बुजुर्गों के सम्मान से ही बच्चों एवं युवाओं को हमारी भारतीय संस्कृति व सनातन संस्कार मिलेंगे। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि शिक्षकों की जिम्मेवारी है कि वे बच्चों को भारतीय संस्कृति, संस्कारों एवं सनातन की शिक्षा दें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों एवं बच्चों के मन में अच्छे संस्कार डालने में शिक्षक की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यदि शिक्षक आध्यात्मिक प्रवृत्ति का हो, तो यह कार्य सरल हो जाता है। परंतु वर्तमान शिक्षा प्रणाली पाश्चात्य विचारों पर आधारित है। इस लिए संत समाज को भी कर्तव्य को समझना होगा। इस अवसर पर खेड़ी शीशगरां से गुरतेज सिंह, डी.सी. विर्क, दीपक नंबरदार, चरण दास, तारा चंद, मनफूल सिंह, धर्मपाल, रमेश, राम कुमार, संदीप कुमार, सुलतान सिंह, सुनील कुमार, कृष्ण, काला राम, गुलाब, जय सिंह, रिंकु व वेद प्रकाश इत्यादि भी मौजूद रहे।
श्रद्धालुओं के साथ महंत राजेंद्र पुरी।