हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
ब्यूरो चीफ – विशेष नाथ गौड़।
10 दिनों तक चलने वाले श्री गणेश उत्सव के महत्व बारे महंत राजेंद्र पुरी ने बताया।
कुरुक्षेत्र, 12 सितम्बर: जग ज्योति दरबार में महंत राजेंद्र पुरी की प्रेरणा से श्री गणेश उत्सव के चलते निरंतर पूजन एवं आरती हो रही है। महंत राजेंद्र पुरी ने वीरवार को पूजन उपरांत सत्संग में बताया कि सनातन में श्री गणेश उत्सव के त्यौहार का विशेष महत्व है। इस विशेष त्यौहार को प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश के प्रति आस्था एवं भक्ति भाव से मनाया जाता है। ज्ञान और बुद्धि के देवता श्री गणेश जी का उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाता है। महंत राजेंद्र पुरी ने विस्तार से बताया कि महर्षि वेदव्यास जी ने भगवान श्री गणेश से महाभारत ग्रंथ लिखने का आग्रह किया था। भगवान गणेश ने बिना रुके लगातार 10 दिनों तक अपने दांत को कलम बना कर महाभारत लिखी। इस दौरान लगातार एक ही स्थान पर लेखन करने के वजह से गणेश जी के शरीर पर धूल और मिट्टी जमा हो गई और 10वें दिन गणेश जी ने सरस्वती नदी में स्नान करके अपने शरीर पर जमी धूल और मिट्टी को साफ किया, तब से गणेश उत्सव के 10वें दिन भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। महंत राजेंद्र पुरी ने बताया कि श्री गणेश उत्सव के चलते 10 दिनों के दौरान भगवान श्री गणेश पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं, जहां उनके भक्त उनका स्वागत करते हैं और उन्हें अपने घर सेवा के लिए आमंत्रित करते हैं। इस दौरान घरों और सार्वजनिक स्थानों पर उनकी प्रतिमा स्थापित की जाती है। यह त्यौहार दसवें दिन यानी अनंत चतुर्दशी को समाप्त होता है। इस अवसर पर जग ज्योति दरबार में डा. के.के. सिंह, डा. विजया सिंह, कृतिका, वीणा देवी, मलकीत सिंह, नीलम, अनीता रानी, नीरू बाला इत्यादि भी मौजूद रहे।
जग ज्योति दरबार में सत्संग के अवसर पर श्रद्धालु।