वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
वैदिक सनातन संस्कृति को मजबूत करें।
कुरुक्षेत्र, 21 मई : जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि मानवीय शरीर परमात्मा द्वारा दी गई अनमोल कृति एवं अनुपम उपहार है। उन्होंने कहा कि मानव तब तक मानव नहीं है, जब तक उसमें मानवता का वास नहीं होता है। इस अवसर पर महंत राजेंद्र पुरी के साथ अन्य संत महापुरुष भी मौजूद रहे। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि सनातन से ही देश, राष्ट्रीयता एवं संस्कारों की मजबूती मिलती है। सनातन कभी तोड़ने की नहीं बल्कि आपसी प्रेम एवं एकता की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि हर मानव को मानवीय मूल्यों से अपने को अलंकृत करते हुए अपना जीवन जीना चाहिए। यही सही अर्थ में परमपिता परमेश्वर की सच्ची आराधना है। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि जल और भोजन की तरह ही मानव में राष्ट्र के लिए संस्कार और संस्कृति की भावना जरूरी है। 16 संस्कारों पर आधारित वैदिक सनातन संस्कृति में मानव की रुचि होना आवश्यक है। भारतीयों पश्चिमी सभ्यता का अनुसरण नहीं करना चाहिए। सभी को एकजुट होकर धर्म को मजबूत करना होगा। इस मौके पर नंदकिशोर, जय नारायण, कुलदीप मेहता, रवि प्रकाश, मनप्रीत सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
महंत राजेंद्र पुरी एवं अन्य।