वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
महंत राजेंद्र पुरी ने कहा पूरा मानव समाज ही संत महापुरुषों का परिवार है, जग ज्योति दरबार में विशाल भंडारे एवं भव्य सत्संग का आयोजन।
कुरुक्षेत्र, 5 जून : तीर्थों की संगम स्थली के जग ज्योति दरबार में ज्येष्ठ महीने की भीषण गर्मी में चल रही महंत राजेंद्र पुरी की अखंड पंच धूणी कठोर अग्नि तपस्या का बुधवार को विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजन एवं अनुष्ठान के साथ समापन हो गया। नौ तपा से पूर्व प्रारंभ हुई अखंड पंच धूणी अग्नि तपस्या के दर्शनों के लिए हरियाणा भर से तथा अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि अपने परिवार, स्वयं की सुख समृद्धि एवं प्रभु कृपा की कामना से तो हर व्यक्ति पूजा व अनुष्ठान इत्यादि करता है लेकिन संत पुरुषों के लिये तो पूरे समाज, देश एवं विश्व के लोग ही परिवार है। इसी लिए साधु संत मानव कल्याण एवं विश्व शांति के लिए कठोर से कठोर तपस्या करते हैं। उन्होंने कहा कि जनकल्याण के लिए भीषण गर्मी में भी कठोर अग्नि तपस्या करते हुए संतों को आत्म संतोष एवं सुख की अनुभूति होती है। महंत राजेंद्र पुरी ने बताया कि करीब दो दशक से अखंड पंच धूणी कठोर अग्नि तपस्या करते हुए उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि वे भगवान द्वारा दिया गया मानव जीवन ऐसे कल्याण के कार्यों से सार्थक कर रहे हैं। अखंड पंच धूणी कठोर अग्नि तपस्या के समापन पर महंत राजेंद्र पुरी के साथ भजन संकीर्तन करते हुए श्रद्धालु मस्ती से झूम उठे। तपस्या समापन के उपरांत महंत राजेंद्र पुरी गंगा स्नान के लिए हरिद्वार रवाना हुए। उन्होंने बताया कि 6 जून को जग ज्योति दरबार में विशाल भंडारा एवं संत सत्संग होगा। इसी अवसर पर श्रद्धालुओं को संतों का आशीर्वाद भी मिलेगा। इस अवसर पर मनोज बतरा, विशाल शर्मा, धीरज शर्मा अंबाला से, अरुण यादव, इंद्रजीत, नरेश रेवाड़ी, बीटू शर्मा पेहवा, संजय बारू, कमल सैनी, सुरेश शर्मा, संजीव शर्मा, राकेश टोनी, पवन शर्मा कैथल, अमन सैनी छापर, सुखबीर सिंह खानपुर, सुभम जैनपुर, मनीष, गुरसेवक सिंह देवीगढ़, शिव कुमार कुरुक्षेत्र व राज कुमार रहेजा इत्यादि सेवक भी मौजूद रहे।
अखंड पंच धूणी कठोर अग्नि तपस्या के समापन पर महंत राजेंद्र पुरी एवं श्रद्धालुओं के साथ महंत राजेंद्र पुरी।