फरीदकोट / मोगा : [कैप्टन सुभाष चंद्र शर्मा] :=संस्कृत के आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जन्म दिन श्रद्धाभाव से मनाया गया। महर्षि वाल्मीकि के जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर जिले के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, वाल्मीकि मंदिरों में सुबह से लेकर शाम तक श्रंद्धालुओं का तांता लगा रहा है, इस दौरान जगह-जगह पर लंगर व कीर्तन का भी आयोजन किया गया।
महर्षि वाल्मिकि का जन्म आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हुआ था। हर वर्ष आश्विन पूर्णिमा के दिन वाल्मीकि जयंती मनाई जाती है। इस दिन मंदिरों ने महर्षि वाल्मीकि की विशेष पूजा की जाती है और जगत के कल्याण की कामना की जाती है। महर्षि वाल्मीकि ने सबसे पहले संस्कृत के श्लोक की रचना की थी, और उन्होंने संस्कृत रामायण महाकाव्य की भी रचना की थी, इस वजह से उनको संस्कृत के आदिकवि की उपाधि प्राप्त है।
इस पर्व पर भाजपा जिला अध्यक्ष दुर्गेश शर्मा कोटकपूरा व फरीदकोट में वाल्मीकि मंदिर में नतमस्तक हुए, और उन्होंने बताया कि महर्षि वाल्मीकि संस्कृत के आदिकवि यानी प्रथम कवि हैं। उन्होंने संस्कृत में महाकाव्य रामायण की रचना की, जिसमें 24000 श्लोक हैं। संस्कृत रामायण को वाल्मीकि रामायण भी कहा जाता है इस अवसर पर मास्टर हरबंस लाल कमल गर्ग प्रेम सफरी गगन सुखीजा राजेश सेठी कृष्ण नारंग राजन नारंग भी उपस्थित थे।