सूरा सो पहचानिये जो लड़े दीन के हेत
(श्रद्धा पूर्वक मनाया गया शहीदी दिवस श्री ननकाना साहिब )
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार देहरादून के तत्ववाधान मे शहीदी दिवस साका श्री ननकाना साहिब कथा – कीर्तन के रूप मे श्रद्धा पूर्वक मनाया गया l
प्रात: नितनेम मे के पश्चात भाई चरणजीत सिंह जी ने आसा डी वार का शब्द ” मुर्दा होय मुरीद न गली होवणा, साबर सिदिक शहीद भरम भयु खोलणा ” एवं भाई गुरदियाल सिंह जी ने शब्द ” जोयो तोयो प्रेम खेलन का चाओ सिर धर तली गली मेरी आओ ” का गायन किया l
हैड ग्रंथी भाई शमशेर सिंह जी ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी के जन्म स्थान श्री ननकाना साहिब मे महंत नैरानू दास ने सरकार के इशारे पर कब्जा कर कर के बैठ गया एवं मन मर्जीयां करने लगा जो भी श्रद्धालु माथा टेकने आता तो महंत के गुंडे उनके साथ गलत हरकतें करते, एक सिंधी परिवार की बच्ची के साथ कुकर्म किया जिसका सिखों ने विरोध स्वरुप ग्रिफतारियां देने का फैसला किया, ज़ब संगत ननकाना साहिब पहुंची तो महंत ने गोलियां चलाना आरम्भ कर दीया जिसमे अनैक सिख शहीद हो गये, आखिर मे सिखों की शहादत रंग लाई और पवित्र स्थान की सेवा संभाल सिखों के पास आ गई l
अरदास के पश्चात संगत ने जलपान ग्रहण किया l मंच का संचालन सेवा सिंह मठारु ने किया l इस अवसर पर प्रधान गुरबक्श सिंह राजन, जनरल सेक्रेटरी गुलज़ार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह चन्नी, कोषाध्यक्ष मंजीत सिंह, सचिव अमरजीत सिंह छाबड़ा, सतनाम सिंह, राजिंदर सिंह राजा आदि उपस्थित थे l