तिर्वा इंदरगढ़ कन्नौज
सुदामा चरित की कथा में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब
तिर्वा तहसील संवाददाता अवनीश कुमार तिवारी ✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻
हसेरन क्षेत्र के खनियापुर ग्राम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिन पर सुदामा चरित्र की कथा का वर्णन किया गया। जिसनमें सैकड़ों की संख्या में भक्तों की भीड़ दिखाई दी। व्यास नेमीचंद ने मित्रता का मार्मिक चित्रण किया। उन्होंने बताया कि दोस्ती का रिश्ता एक विश्वसनीय रिश्ता कहा जा सकता है ।सुदामा और कृष्ण बचपन के बाल सखा थे। ऐसी मित्रता का जीता जागता प्रमाण है। दोस्ती में कोई अमीर और गरीब नहीं होता है। आचार्य ने बताया एक मित्र ने अपने मित्र की भावनाओं को समझ कर अपने आप में समाहित कर लिया। बचपन के बाल सखा मित्र कृष्ण के दुख अपने सर ले लिए। जो सुदामा जी ने चने चवाये थे। वह शापित थे । जो भी इनको खाएगा वह दरिद्र दुखी निर्धन हो जाएगा। सुदामा जी सब कुछ जानने वाले थे । उन्होंने कृष्ण को चने ना चबाकर स्वयं खा लिए । श्रीमद् भागवत कथा में कृष्ण और सुदामा की मित्रता का मनमोहक वर्णन दिया। विश्राम दिवस पर भक्तों का भारी जन सैलाब उमड़ा। भक्ति भाव से कथा का रसपान किया।