गुजरात से प्राकृतिक कृषि के मास्टर ट्रेनर पहुंचे कुरुक्षेत्र के गुरुकुल में

गुजरात से प्राकृतिक कृषि के मास्टर ट्रेनर पहुंचे कुरुक्षेत्र के गुरुकुल में।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

कृषि फार्म सहित सभी प्रकल्पों के साथ कुरुक्षेत्र का भ्रमण कर हरियाणवी संस्कृति को जाना।

कुरुक्षेत्र, 11 सितम्बर : गुरुकुल कुरुक्षेत्र में आज गुजरात से प्राकृतिक कृषि के मास्टर ट्रेनर का एक दल भ्रमण हेतु पहुंचा जिसका गुरुकुल में पधारने पर प्रधान राजकुमार गर्ग, व्यवस्थापक रामनिवास आर्य द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। निदेशक कर्नल अरुण दत्ता, प्राचार्य सूबे प्रताप, फार्म मैनेजर गुरदीप सहित प्राकृतिक कृषि के स्टेट एडवाइजर डाॅ0 हरिओम भी मौजूद रहे। रामनिवास आर्य ने बताया कि गुरुकुल पहुंचे इस दल में दीक्षित भाई पटेल, प्रफुल्ल भाई संखलीया, धनराज सिंह चैहान, भीखाभाई, पीराभाई चावडा सहित गुजरात के सभी 35 जिलों मंे प्राकृतिक खेती का प्रचार-प्रसार करने वाले मास्टर ट्रेनर हैं जो महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी की प्रेरणा से न केवल प्राकृतिक खेती कर रहे हैं बल्कि दूसरे किसानों को भी प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित करते हैं और उन्हें पूरा प्रशिक्षण भी देते हैं। आचार्य श्री देवव्रत जी के आग्रह पर ये मास्टर ट्रेनर गुरुकुल कुरुक्षेत्र के भ्रमण पर आए हैं जहां पर उन्होंने सबसे पहले प्राकृतिक कृषि फार्म का दौरा किया।
गुरुकुल के प्राकृतिक कृषि फार्म पर इस दल ने गन्ना, धान और सब्जियों की फसलें देखें और उनके उत्पादन की पूरी जानकारी ली। डाॅ0 हरिओम ने उन्हें फार्म पर लगाये गये सेब, आम, बेर, अमरूद, आडू के बाग के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। विशेष तौर पर धान और गन्ने की फसल को देख दल में शामिल सभी लोग आश्चर्यचकित हुए। डाॅ0 हरिओम ने बताया कि यहां पर एक बार लगाने के बाद कई वर्षों तक गन्ना की बुवाई नहीं करनी पड़ती और उत्पादन भी दूसरे किसानों से अधिक मिलता है। इसी प्रकार धान की फसल में पानी की 50 प्रतिशत बचत कैसे की जाती है, डाॅ0 हरिओम ने यह भी स्पष्ट किया। फार्म के बाद यह दल प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण केन्द्र पहुंचा जहां पर डाॅ0 हरिओम ने प्राकृतिक कृषि के वैज्ञानिक पक्ष को सरल भाषा में समझाया और गुरुकुल फार्म का वर्ष 2017 से अभी तक का पूरा ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि एक समय में गुरुकुल के फार्म की भूमि का आर्गेनिक काॅर्बन 0.34 था जो भूमि बंजर घोषित हो गई थी मगर प्राकृतिक कृषि अपनाने से इस भूमि का आर्गेनिक काॅर्बन वर्तमान में 1.0 से भी अधिक हो गया है।
गुरुकुल के ब्रह्मचारियों ने अतिथियों के समक्ष पीटी., सूर्य नमस्कर, मल्लखम्भ, योगासन आदि का शानदार प्रदर्शन किया। मंच संचालन कर रहे मुख्य संरक्षक संजीव आर्य ने ‘गुजरात प्रान्त से एक गर्वनर…’ गीत सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके उपरान्त गुजरात से आए अतिथियों ने गुरुकुल के विभिन्न प्रकल्पों के साथ-साथ हरियाणवी संस्कृति की पहचान ‘धरोहर’ ब्रह्म सरोवर, पैनोरमा, ज्योतिसर तीर्थ, गुरुकुल ज्योतिसर का भी भ्रमण किया। प्रातःकाल आर्ष महाविद्यालय में सभी अतिथियों ने आचार्य सत्यप्रकाश जी के ब्रह्मत्व में विशेष हवन में गोघृत और शाकल्य सामग्री से आहूतियां देकर विश्व कल्याण की कामना की। यहां पर अतिथियों ने आर्ष पद्धति से अध्ययन कर रहे ब्रह्मचारियों की अद्भुत प्रतिभा के भी दर्शन किये।
प्रतिनिधि मंडल में आए किसान रूपी सभी मास्टर ट्रेनर गुरुकुल दौरे के बाद प्रसन्न नजर आए। इनका कहना है कि महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी मंचों से गुरुकुल कुरुक्षेत्र और प्राकृतिक फार्म के बारे में जो कुछ कहते हैं, यहां आकर उससे भी अधिक पाया। वास्तव में गुरुकुल कुरुक्षेत्र का यह फार्म किसानों के लिए प्राकृतिक खेती का अनुपम उदाहरण है जहां पर आकर किसानों और कृषि वैज्ञानिकों की प्राकृतिक खेती संबंधी सभी शंकाएं शान्त हो जाती है।

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