पूरे ब्रह्मांड की भाषा है गणित : प्रो. सोमनाथ सचदेवा

पूरे ब्रह्मांड की भाषा है गणित : प्रो. सोमनाथ सचदेवा।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के गणित विभाग द्वारा “रीसेंट ट्रेंड्स इन मैथेमेटिकल साइंसेज” विषय पर सीनेट हाल में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन।

कुरुक्षेत्र, 30 दिसम्बर : आई. आई. टी. दिल्ली के गणित विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर आर. के. शर्मा ने कहा कि गणित विषय की खूबसूरती यही है कि कोई भी गणितज्ञ कुछ भी हासिल करने के बाद बजाए संतुष्ट होने के यह सोचता है कि आगे क्या ?
वे शनिवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के गणित विभाग द्वारा “रीसेंट ट्रेंड्स इन मैथेमेटिकल साइंसेज” विषय पर केयू के सीनेट हाल में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित थे। इससे पहले दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। यह संगोष्ठी हरियाणा स्टेट कांउसिल फॉर साईंस, इन्नोवेशन एंड टैक्नॉलाजी तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा वित्त पोषित है।
प्रो. आर. के. शर्मा ने बहुत ही रोचक ढंग से रामानुजन जादुई वर्ग की विशेषताओं के साथ साथ टैक्सीकैब, जीसल, कार्मिकल एवं छद्म अभाज्य संख्याओं के बारे में बताया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए व आयोजकों को कार्यक्रम की बधाई देते हुए कहा कि गणित पूरे ब्रह्मांड कि भाषा है और हर प्रकार की प्रौद्योगिकी का आधार है। उन्होने पिंगल, आर्यभट्ट सहित कई भारतीय गणितज्ञों के योगदान और वैदिक गणित के महत्व को रेखांकित किया। शून्य की खोज भारतवर्ष में ही क्यों हुई ? इस प्रश्न के उत्तर को उन्होने बहुत ही रोचक ढंग से आध्यात्मिकता से जोड़कर बताया। उन्होने रामानुजन के इस कथन को भी विशेष रूप से उद्धृत किया कि मेरे लिए किसी भी समीकरण का तब तक कोई अर्थ नहीं है जब तक वह ईश्वर की अभिव्यक्ति न हो। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ ने कहा कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे विषयों की रीढ़ की हड्डी गणित ही है।
इससे पहले कांफ्रेंस के संयोजक एवं गणित विभाग के अध्यक्ष प्रो. अनिल वशिष्ठ ने सभी का स्वागत करते हुए एक दिवसीय संगोष्ठी की विषयवस्तु पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी में मंच का संचालन संगोष्ठी के सह संयोजक प्रो. विनोद कुमार ने किया ।
संगोष्ठी के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर संजीव शर्मा ने कहा कि खगोल शास्त्र, ज्योतिष विज्ञान तथा डाटा साइंस जैसे सभी विषयों के मूल में गणित विद्यमान है। अतः इसकी उपयोगिता सार्वभौमिक एवं सार्वकालिक है। उन्होने आजकल के बच्चों में वैदिक गणित के प्रति जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर बल दिया।
हरियाणा राज्य विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी परिषद एवं कुरुक्षेत्र विश्व विद्यालय के सहयोग से हुई संगोष्ठी के आयोजन सचिव दलबीर सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय गणित दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस संगोष्ठी में 86 प्रतिभागियों ने अपना पंजीकरण करवाया और देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं कालेजों से आए 65 प्राध्यापक एवं शोध विद्यार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
गणित विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय गणित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता मे प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली कुवि गणित विभाग और गुरु नानक खालसा कॉलेज, यमुनानगर की टीमों को कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर प्रो. अनिल वोहरा, प्रो. दिनेश कुमार, प्रो. राकेश कुमार, प्रो. परमेश कुमार, प्रो. निरूपमा भट्टी, प्रो. पूनम कुमारी, प्रो. वेद प्रकाश कौशिक, डॉ. जितेंदर कुमार, सुमित्रा देवी, दलबीर सिंह सहित विभिन्न संकायों के डीन, निदेशक, विभागाध्यक्षों सहित कई शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद थे।

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