अंबेडकरनगर। महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिंग कर्मियों और सेवा प्रदाता कंपनी के बीच हुए विवाद के बाद अब मेडिकल कालेज प्रशासन सक्रिय हो गया है। सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा पंजीकरण और उपस्थिति दर्ज करने के नाम पर कर्मियों से धन उगाही के आरोप के बाद कॉलेज प्रशासन ने अपनी निगरानी में उपस्थित दर्ज कराने का फैसला लिया है। इसके लिए कालेज प्रशासन तीन कर्मचारियों को नामित किया है। जबकि सेवा प्रदाता कंपनी (सन फैसिलिटी) इस फैसले का विरोध कर रही है।
राजकीय मेडिकल कालेज में आउटसोर्सिंग के तहत 275 कर्मचारी काम कर रहे हैं। गत 30 जून को पुरानी कंपनी लॉयलटेक का टेंडर खत्म होकर सन फैसिलिटी नामक कंपनी को नया टेंडर मिला। इसके बाद से कर्मचारियों का आरोप है कि नई कंपनी के अधिकारी कर्मियों से पंजीकरण और सेवा विस्तार के नाम पर पैसा मांग रहे हैं। कर्मियों को धमकी दी जा रही है कि जो पैसा नही देगा उसे निकाल दिया जाएगा। कर्मचारियों की शिकायत के बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है।कालेज प्रधानाचार्य ने पत्र जारी कर मेडिकल कालेज के तीन कर्मचारी हौंसिला प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद व राम प्रसाद को सभी कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज कराने की जिम्मेदारी सौंपी है। कालेज प्रशासन के इस निर्णय को लेकर संबंधित कंपनी के अधिकारियों व कर्मचारियों ने नाराजगी जाहिर की है।
आरोप है कि कर्मचारियों के ग्रुप पर कंपनी के एक कर्मचारी ने मेसेज लिख कर हिदायत दी थी कि कॉलेज प्रशासन के बहकावे में आने वाले खुद जिम्मेदार होंगे। ऐसे में अब कॉलेज प्रशासन व संबंधित कंपनी के बीच तकरार बढ़ने के असार बढ़ गए हैं। उधर प्रधानाचार्य डॉ. संदीप कौशिक ने कहा कि जो भी कर्मचारी नियमित ड्यूटी दे रहे हैं, उन्हें परेशान होने की जरूरत नही है। उनका शोषण व उत्पीड़न नही होने पाएगा।