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कुरुक्षेत्र :- श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय और दिव्य कुरुक्षेत्र पर्यावरण संरक्षण समिति द्वारा बुधवार को सामूहिक रूप से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के प्रांगण में पौधारोपण किया गया, और कर्मचारियों को अमृत बेल, गिलोय, लेमन ग्रास और गुलमोहर के 150 से अधिक औषधीय पौधे वितरित किये। इस अवसर पर कुवि सहायक कुलसचिव व दिव्य कुरुक्षेत्र पर्यावरण संरक्षण समिति के संयोजक जितेंद्र जांगड़ा, डॉ. कुलदीप, डॉ. सुनील भारती सहित राखी, मोनिका, सचोलना, राजेश, प्रिंस व अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।
कुवि सहायक कुलसचिव व दिव्य कुरुक्षेत्र पर्यावरण संरक्षण समिति के संयोजक जितेंद्र जांगड़ा ने श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलदेव कुमार धीमान का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि आयुष विश्वविद्यालय जिले में औषधीय पौधे बांटकर सराहनीय काम कर रहा है। कोविड-19 महामारी में भी लोगों का आयुर्वेद में विश्वास बढ़ा है। यदि आयुर्वेदिक पद्धति के अनुसार लोग अपने जीवन का निर्वहन करते हैं तो निश्चित ही बड़ी से बड़ी महामारी से लड़ने में देश के नागरिक सक्षम बनेंगे। जितेंद्र जांगड़ा ने कहा कि आगे हमारा लक्ष्य है विश्वविद्यालय में औषधीय पौधे लगाने का है। इसके लिए आयुष विश्वविद्यालय से मांग की गई है।
कर्नल एस.एन शर्मा, सहायक कुलसचिव श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय ने कहा कि वर्ष में 50 हजार पौधे वितरण का विश्वविद्यालय द्वारा लक्ष्य लिया गया है। अब तक 8 हजार से अधिक पौधे जिले में बांटे जा चुके हैं। दरअसल कोरोना महामारी में आयुर्वेद के मिले लाभ की वजह से नागरिकों का रुझान औषधीय पौधों की ओर बढ़ा है। गिलोय, तुलसी, लेमन ग्रास और गुलमोहर औषधीय पौधे घर-घर पहुंचे इसके लिए विश्वविद्यालय प्रयासरत है।