त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2021 को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढ़ंग से सम्पन्न कराये जाने को लेकर बैठक सम्पन्न

वैशवारा न्यूज डेस्क आज़मगढ़
आजमगढ़ 10 मार्च– जिलाधिकारी राजेश कुमार की अध्यक्षता में नेहरू हाल के सभागार में त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2021 को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढ़ंग से सम्पन्न कराये जाने के लिए बैठक सम्पन्न हुई।
त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2021 में लगाये गये जोनल मजिस्ट्रेट/सेक्टर मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिये गये थे कि अपने-अपने सेक्टरों में जो भी मतदेय स्थल/मतदान केन्द्र हैं, उसका स्वयं निरीक्षण कर मतदेय स्थल/मतदान केन्द्रों पर दिव्यांजनों हेतु रैम्प, पीने का पानी, महिला/पुरूष शौचालय, फर्नीचर, बिजली, दरवाजा, खिड़की आदि की जॉच कर लें, यदि कहीं कोई कमी है तो उसकी रिपोर्ट उपलब्ध करायें।
इसी क्रम में तहसील बूढ़नपुर, सदर, निजामाबाद व तहसील फूलपुर के सेक्टर मजिस्ट्रेट द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी।
जिलाधिकारी ने सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये कि सेक्टर मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में जिस स्कूल में बिजली का कनेक्शन नही है, उसमें बिजली कनेक्शन करायें एवं अन्य समस्त कमियों को दूर करें। जिलाधिकारी ने डीपीआरओ को निर्देश दिये कि सेक्टर मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में जो भी कमियॉ हैं, उसको दूर करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने एसडीएम बूढ़नपुर, सदर, निजामाबाद व फूलपुर को निर्देश दिये कि सेक्टर मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में जिन व्यक्तियों के खिलाफ गड़बड़ी करने की रिपोर्ट आयी है, उनको तुरन्त नजरबन्द करें, इसके लिए सख्त से सख्त कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आनन्द कुमार शुक्ला, अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेन्द्र सिंह, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश सिंह, संबंधित एसडीएम व जोनल/सेक्टर मजिस्ट्रेट सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर प्रदेश के बढ़ते कदम

आजमगढ़ 10 मार्च– ऊर्जा का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। बिना ऊर्जा के आज विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। कल-कारखानें, व्यापारिक गतिविधियां, मैट्रो का संचालन, विद्युत रेल हो या अस्पताल, शिक्षण संस्थान, परिवहन सेवायें, घरेलू एवं व्यावसायिक उपयोग में विद्युत के बिना मनुष्य का वर्तमान जीवन रूक सा जाएगा। एक समय था जब गर्मी लगने पर हाथ से पंखे झले जाते थे, रोशनी के लिए कुप्पी व लालटेन में मिट्टी का तेल डालकर बाती जलायी जाती थी। आज उनका स्थान तरह-तरह के इलेक्ट्रिक बल्ब, पंखों, कूलर व ए.सी. ने ले लिया है। रंग-बिरंगी एल.ई.डी. लाईट्स आज रात में भी दिन जैसा प्रकाश फैला रही है। आज विद्युत शहरी जीवन के साथ-साथ ग्रामीण जीवन में भी पूरी तरह से आवश्यक हो गई है। खेतों में सिंचाई के लिए विद्युत पम्पों का प्रयोग बहुत बढ़ा है, जिससे किसानों को फसल सिंचाई हेतु कम दर पर विद्युत उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा भी कृषि विद्युत को घरेलू विद्युत से अलग किया गया है।
विद्युत की अनिवार्यता के दृष्टिगत उसकी मांग भी बढ़ी है। आज के औद्योगीकरण एवं नगरीकरण की गति जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे-वैसे विद्युत की माँग भी बढ़ती जा रही है। इसी बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा युद्धस्तर पर कार्य किए जा रहे हैं, जिसका परिणाम अब दिखाई देने लगा है। आज उत्तर प्रदेश का विद्युत उत्पादन एवं आपूर्ति के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ रहा है।
वर्ष 2017 से आज तक उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा कुल 3098.77 मेगावाट की विद्युत परियोजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं, जिनमें बारा टी.पी.एस., ऊँचाहार-4, मेजा-1, टांडा-2 यूनिट-1, न्यूनबीनगर यूनिट-1, किशन गंगा हाइड्रो व केमेंग हाइड्रो यूनिट-1 व 2 शामिल हैं।
वर्तमान में प्रदेश में कुल 26997.5 मेगावाट की विद्युत परियोजनाएं कमीशन्ड हैं। जिनमें तापीय विद्युत 18643 मेगावाट, जलविद्युत 3371.5 मेगावाट, गैस आधारित विद्युत 549 मेगावाट, न्युक्लियर विद्युत 289 मेगावाट तथा नवीकरण ऊर्जा का हिस्सा 4145 मेगावाट है।
भविष्य में बढ़ते हुए नगरीकरण एवं औद्योगीकरण के दृष्टिगत विद्युत की मांग की पूर्ति के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 2029-30 तक की विद्युत मांग के सापेक्ष विद्युत आपूर्ति हेतु 42146.34 मेगावाट की उपलब्धता हेतु दीर्घकालीन योजना तैयार की है, जिसमें से वर्तमान में 26997.5 मेगावाट विद्युत परियोजनाओं से बिजली प्राप्त हो रही है तथा शेष 15148.84 मेगावाट की परियोजनाओं से भविष्य में ऊर्जा प्राप्त होगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में विद्युत की अतिरिक्त उपलब्धता बनाए रखने तथा सौर एवं पवन ऊर्जा के प्रोत्साहन हेतु वर्ष 2024 तक कुल 8150 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता निर्माण के अनुबंधित किए जाने की कार्ययोजना प्रस्तावित की गयी है।
प्रदेश सरकार द्वारा लगभग 11232.84 मेगावाट की विद्युत परियोजनाओं के पी.पी.ए. हस्ताक्षरित किये जा चुके हैं जो भविष्य में आने वाली है। जिनमें 10 तापीय व 07 जलीय परियोजनाएं हैं। इसके अतिरिक्त 2798 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा निर्माण की परियोजनाओं में पी.पी.ए. भी हस्ताक्षरित किए जा चुके हैं। प्रदेश की विद्युत उपलब्धता की स्थिति को बढ़ाने के लिए लगभग 3916 मेगावाट की 06 परियोजनाएं भी भविष्य के लिए प्रस्तावित है, जिसके पी.पी.ए. हस्ताक्षरित किया जाना है। इनमें तेलैया तापीय, ओबरा-डी, अनपरा-ई करछना तापीय है। इसमें जलीय व नवीकरणीय ऊर्जा भी शामिल है।
प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा (रिन्युवल ऊर्जा) क्रय की कार्ययोजना भी प्रस्तावित की गयी है। इसके अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 से वर्ष 2023-24 तक कुल 6150 मेगावाट की सौर ऊर्जा तथा कुल 2000 मेगावाट की पवन ऊर्जा क्रय करने की कार्ययोजना प्रस्तावित की गयी है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में सुव्यवस्थित कार्य करने का ही परिणाम है कि औसत विद्युत उत्पादन लागत वित्तीय वर्ष 2016-17 में जहां 4.09 रुपये थी, वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में 45 पैसे घटकर 3.64 रुपये हो गई है। प्रदेश में औसत विद्युत विक्रय दर वित्तीय वर्ष 2016-17 में जहां 4.42 रुपये थी, वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में 79 पैसे घटकर 3.63 रुपये हो गई है।

प्रदेश में पावर फार आल के लक्ष्य की पूर्ति के लिए मार्च 2017 से अब तक की अवधि में 01 नग 765 के.वी., 10 नग 400 के.वी., 32 नग 220 के.वी. तथा 61 नग 132 के.वी. विद्युत उपकेन्द्रों कुल 104 नग तत्संबंधी पारेषण लाइनों का लगभग रुपये 10077.40 करोड़ की लागत से ऊर्जीकरण किया गया है। उक्त के क्रम में प्रदेश की पारेषण क्षमता को 24000 मेगावाट एवं विद्युत आयात क्षमता को 13400 मेगावाट किया गया। अग्रेतर प्रदेश में स्थापित होने वाली तापीय परियोजनाओं जिसमें घाटमपुर विद्युत गृह, ओबरा-सी तापीय परियोजना एवं जवाहरपुर तापीय परियोजना से ऊर्जा निकासी हेतु आवश्यक पारेषण तंत्र तथा 400के.वी. उपकेन्द्र बदायूं एवं फिरोजाबाद का निर्माण कार्य टैरिफ बेस्ड कॉम्पेटेटिव बिडिंग (टी.बी.सी.बी.) के माध्यम से कराया जा रहा है। साथ ही मेरठ, रामपुर, सिम्भावली तथा सम्भल में बड़े पारेषण उपकेन्द्रों का निर्माण भी इसी पद्धति से कराया जा रहा है। टी.बी.सी.बी. परियोजनाओं की कुल लागत लगभग रूपये 6101.14 करोड़ है।

दिव्यांगजनों को निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल दिये जाने को लेकर तकनीकी एवं अनुमोदन समिति गठन

आजमगढ़ 10 मार्च– मुख्य विकास अधिकारी आनन्द कुमार शुक्ला ने बताया है कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिव्यांगजनों को निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल दिये जाने का प्राविधान है। उक्त नियमावली में पात्र दिव्यांगजनों के चयन एवं लाभान्वित कराये जाने की कार्यवाही पूर्ण करने हेतु जनपद स्तर पर जिलाधिकारी महोदय के स्तर से तकनीकी एवं अनुमोदन समिति गठन किया गया है।
उन्होने कहा कि पात्र दिव्यांगजन का तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जो मस्क्यूलर डिस्ट्रोफी, स्ट्रोक, सेरेब्रल पालिसी, हीमोफिलिया आदि से ग्रसित हो या व्यक्ति उपर्युक्त की भॉति शारीरिक स्थिति में हो। उनकी अच्छी दृष्टि हो, मानसिक स्थिति अच्छी हो, कमर के उपर का हिस्सा(भाग) स्वस्थ्य हो, दिव्यांगजन मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल पर बैठकर अपने हाथों से उपकरण का संचालन करने में सक्षम हो व चिकित्साधिकारी द्वारा उसकी दिव्यांगता 80 प्रतिशत या उससे अधिक प्रमाणित की गयी हो। आयु 16 वर्ष या 16 वर्ष से अधिक के दिव्यांगजन जो उत्तर प्रदेश के निवासी हों इस योजना के अन्तर्गत पात्र होंगे। आय दिव्यांगजन या उसके परिवार की समस्त स्त्रोतों के वार्षिक आय रू0 180000 (एक लाख अस्सी हजार मात्र) से अधिक नहीं होनी चाहिए। आय हेतु तहसील द्वारा निर्गत आय प्रमाण पत्र मान्य होगा। दिव्यांगजन जिन्हें मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल प्रदान की जानी है उल्लिखित स्थितियों के अतिरिक्त जनपद स्तर पर तकनीकी समिति द्वारा शारीरिक क्षमता का भौतिक परीक्षण किया जायेगा और भौतिक परीक्षण में मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल हेतु उपयुक्त पाये जाने पर ही व्यक्ति को मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल प्रदान करने की अग्रेतर कार्यवाही की जायेगी। मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल हेतु बेव पोर्टल ीजजचध्ध्ीकण्नचीण्पद पर आनलाइन आवेदन किया जायेगा। आवेदन करते समय दिव्यांग प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र वार्षिक रू0 180000 तक अधिकतम, आधार कार्ड/अन्य प्रमाण पत्र एवं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति हेतु जाति प्रमाण पत्र अनिवार्य है।
उक्त के अनुपालन में आप को निर्देशित किया जाना है आप के विकास खण्डों में तैनात समस्त सहायक विकास अधिकारी,(समाज कल्याण) के माध्यम से उक्त योजनान्तर्गत अपने-अपने विकास खण्डों के समस्त ग्राम पंचायत/मजरों के दिव्यांगजन जिनकी दिव्यांगता 80 प्रतिशत या उससे अधिक हो को सूचित करते हुए बेव पोर्टल ीजजचध्ध्ीकण्नचीण्पद पर आनलाइन आवेदन कराकर कार्यालय जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, विकास भवन, आजमगढ़ में उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित करना सुनिश्चित करें। मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल का वितरण माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा प्रत्येक लोक सभा क्षेत्र में 100-100 दिव्यांगजनों को दिया जाना सम्भावित है। यह शासन की महत्वपूर्ण योजना में शामिल है इसमें किसी प्रकार का विचलन न किया जाय।

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