राम विवाह सम्पन्न:
नगर वासी बने बाराती
आजमगढ़।
मेहनगर का गोला बाजार, जनक का दरबार, सीता स्वयंवर का आयोजन, धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने के लिए अनेक साम्राज्यों से पधारे राजा, महारथी और बलशाली। स्वयंवर में अपने समय का सर्वाधिक बलशाली, परम शिव भक्त , रावण भी उपस्थित। विवाह को उत्सुक राजाओं की लोलुप दृष्टि सीता के दैदीप्यमान मुख को बेधती हुई। सीता अपने विवाह, पति और भविष्य को लेकर चिंतित। प्रत्यंचा चढ़ाना तो दूर महारथी धनुष को टस से मस भी नहीं कर पा रहे थे। धनुष उठाने की कोशिश में धरा पर धराशायी होते ही, दर्शकों के बीच हँसी के फव्वारे छूट रहे थे। तभी राजा जनक का हताशा से भरा संवाद। राजाओं द्वारा धनुष पर प्रत्यंचा न चढ़ा जाने से निराशा से भरे और सीता के विवाह को लेकर चिंतित। दरबार में शांति। जीवन्त रामलीला देखकर दर्शक भी सन्नाटे में आ गए। तभी गुरु वशिष्ठ का श्री राम को धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने का आदेश हुआ। दर्शकों में खलबली मच गई कि अब आगे क्या होगा। श्री राम शांत भाव से गुरू को प्रणाम कर धनुष की ओर बढ़े। एकाएक प्रभु ने धनुष को एक हाथ से ही उठा लिया। प्रत्यंचा चढ़ाने के प्रयास में शिव का धनुष खंडित होकर भूमि पर आ गिरा। चारों ओर जय-जय श्री राम के जय जयकार से नगर गुंजायमान हो उठा। हर्ष की ध्वनि और उत्साह से दर्शक घूमने लगे। सीता ने प्रफुल्लित मन से राम को जयमाला पहनाया। दर्शकों ने राम जानकी की जयकारा लगाई। दृश्य बदलता है, मंच पर परशुराम का आगमन, शिव धनुष के भंग होने से गुस्से से आग बबूला। प्रचण्ड क्रोध से लाल। लक्ष्मण द्वारा बीच बीच में उन्हें चिढ़ा देना, दर्शकों में गुदगुदी उत्पन्न कर दे रहा था। श्री राम ने शांत स्वभाव से परशुराम जी से क्षमा याचना, दर्शकों को भा गई।
अयोध्या में यह खबर मिलते ही नगरवासी नाच उठते हैं। इस खुशी में दर्शकों की सहभागिता रामलीला के उत्कृष्ट मंचन को प्रमाणित करती है। राम के बारात की तैयारी, जनकपुर में तोरण द्वार, सजाए जा रहे हैं। विवाह और बारात जाने की खुशी में नागरिक झूम रहे हैं। राम विवाह के लिए अयोध्या में निमंत्रण दिए जा रहे हैं। साथ ही मेहनगर के सम्मानित जनों को भी रामलीला कमेटी द्वारा निमंत्रण वितरित किया गया। बारात का अयोध्या से जनकपुर प्रस्थान, दशरथ, भरत, शत्रुघन के साथ दरबारी और नागरिकों की सहभागिता। बारातियों की उच्छृंखलता के दृश्य, बारात का स्वागत और रामविवाह, महिलाओं के मंगल गीत और नृत्य के पश्चात आयोजित भोज। मंचन की अद्भुत जीवन्तता
श्रीराम के विवाह में मेहनगर वासियों का राम विवाह में साक्षी बनना, उनके लिए सौभाग्य प्रतीत हुआ।
रामलीला कमेटी, मेहनगर द्वारा अगले दिन के कार्यक्रम की घोषणा सहभागिता और सहयोग की अपील। जय श्री राम के नारे के साथ दर्शकों का गृह प्रस्थान।
प्रस्तुति- सुधीर चन्द्र अस्थाना