मारकंडेश्वर मंदिर में गुप्त नवरात्र के दूसरे दिन हुई मां ब्रह्मचारिणी की स्वरूप पूजा।
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मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से तप, शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम व वैराग्य में वृद्धि होती है : महंत जगन्नाथ पुरी।
बारह ज्योतिर्लिंगों पर अनुष्ठान से लाई अखंड ज्योति पर हुई पूजा।
कुरुक्षेत्र, 20 जून : अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी के सान्निध्य में श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में गुप्त नवरात्रों के अवसर पर नियमित हवन यज्ञ एवं पूजन किया जा रहा है।
गुप्त नवरात्रों के दूसरे दिन भी बारह ज्योतिर्लिंगों पर अनुष्ठान के बाद लाई गई मां भगवती की अखंड ज्योति पर मंत्रोच्चारण के साथ पूजन किया गया। महंत जगन्नाथ पुरी ने पूजन के उपरांत बताया कि धर्म को मानने वालों के लिए गुप्त नवरात्र पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। मंगलवार को गुप्त नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा हुई।
महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि इस दिन मां भगवती की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से तप, शक्ति, त्याग , सदाचार, संयम और वैराग्य में वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि मां ब्रह्मचारिणी तपस्या और अच्छे आचरण की देवी है। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। मां ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यन्त भव्य है।
मां ब्रह्मचारिणी के हाथ में कमंडल और माला सुशोभित होते है तथा मां के दाहिने हाथ में जप की माला है। बायें हाथ में कमंडल है। मंदिर में गुप्त नवरात्र के दूसरे दिन भगवती की प्रतिमा पर शृंगार कर पूजा पाठ तथा हवन में आहुतियां दी गईं। इस मौके पर स्वामी अमरनाथ, स्वामी संतोषानंद, सुक्खा सिंह, नाजर सिंह, सुरेंद्र सिंह, सरोज, रश्मि, विनय इत्यादि भी मौजूद रहे।
महंत जगन्नाथ पुरी पूजन करते हुए।