दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : सरस्वती शिशु मन्दिर नैनीताल मार्ग बरेली में आज दिनांक 23.08.24 को कक्षा अरुण से प्रथम तक के भैया-बहिनों की माताओं का एक सम्मेलन आयोजित किया गया । इसके साथ-साथ ‘इन नन्हे-मुन्ने विद्यार्थियों की गतिविधियों पर आधारित निर्माण की गई शैक्षिक वस्तुओं की एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। अतः कार्यक्रम का शुभारम्भ सायं 4.30 बजे माँ शारदे के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती मंजू अग्रवाल तथा विशिष्ट
अतिथि श्रीमती बिमलजीत कौर (प्रधानान्धार्या बी०बी०एल० पब्लिकस्कूल डी०डी० पुरम, बरेली) ने दीप जलाकर माँ शारदे के चित्र पर माल्यार्पण किया साथ ही इस अवसर पर विद्यालय के प्रबन्धक दिनेशजी मलिक एवं प्रधानाचार्य सुनील कुमार सिंह भी उपस्थित रहे। इसके उपरान्त प्रधानाचार्य ने सभी अतिथियों के बैज लगवाकर एवं स्मृति चिह्न दिलाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमान दिनेश मलिक ने की। कार्यक्रम के प्रारम्भमें प्रधानाचार्य ने मातृ-सम्मेलन आयोजित करने की प्रासंगिकता बताते हुए शिशु की प्रथम गुरू माँ होती है और विद्यालय में उनकी शिक्षाप्रारम्भिक अवस्था में हैं इसलिए उनके लिए माँ का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। अतः मातृ-सम्मेलन की महत्ता और अधिक आवश्यक हो जाती है। उसके उपरान्त श्रीमती मंजू अग्रवाल ने माँ की महिमा को रेखांकित करते हुए शिशु वाटिका के अर्थ को बताया और कहा कि हमारे शिशु वाटिका के फूलों की तरह हँसते- मुस्कराते हुए बिना किसी दबाव के शिक्षा ग्रहण करते हैं । कार्य क्रम में आगे बोलते हुए विशिष्ट अतिथि श्रीमती विमलजीत कौर ने कहा कि शिशु विकास के लिए एक माँ को अपने अन्दर जोश, सही दृष्टिकोण, सहनशीलता, आदर भाव आदि गुणों का विकास करना चाहिए।