पूर्वांचल ब्यूरो /अनुपम श्रीवास्तव
शास्त्रीय संगीत की दक्षिण एवं उत्तर भारतीय शैली का अद्वितीय संगम रविवार को काशी में हुआ। मंच से जैसे ही वीणा और सुरबहार की तान निकली, रोम रोम झंकृत हो गया।अवसर था भदैनी स्थित सितार कुंज में प्रमिला मिश्रा संगीत एकेडमी के तत्वावधान में आयोजित ‘वीणा और सुरबहार की जुगलबंदी’ कार्यक्रम का।
चेन्नई के प्रख्यात वीणा वादक पं. बोनाला शंकर प्रसाद एवं बनारस घराने के विश्वविख्यात सुरबहार वादक पं. देवब्रत मिश्र की जोड़ी ने मंच से शास्त्रीय संगीत का जादू बिखेर दिया। सर्वप्रथम गणेश वंदना के बाद राग किरवानी में अलाप, जोड़ के बाद आदि ताल में एक पल्लवी प्रस्तुत की। अंत में मैसूर घराने की निलोसिटी राग पर आधारित बंदिश प्रस्तुत किया तो सभागार में उपस्थित श्रोता वाह वाह कर उठे। हैदराबाद के मृदंगम वादक पं. पतरी सतीश कुमार एवं काशी के तबला वादक प्रशांत मिश्रा ने भी जबरदस्त जुगलबंदी प्रस्तुत कर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरीं। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। सुविख्यात सितारविद पं. शिवनाथ मिश्रा ने कलाकारों को स्मृति चिह्न प्रदान किया। संचालन मधु एवं धन्यवाद ज्ञापन रागिनी मिश्रा ने किया।