विभिन्न स्तरों पर होंगे जागरूकता कार्यक्रम, उचित पोषाहार के प्रति किया जायेगा जागरूक
अररिया, 02 सितंबर ।
जिले में उचित पोषण के प्रति जागरूकता के लिये 01 से 30 सितंबर के बीच राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान जिले में कुपोषण के मामलों पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर विशेष गतिविधियां संचालित की जायेगी। आईसीडीएस सहित संबंधित अन्य विभागों के बीच उचित सहयोग व समन्वय से कई स्तरों पर जागरूकता संबंधी गतिविधियां आयोजित की जायेगी। राष्ट्रीय पोषण माह के सफल आयोजन को लेकर महिला व बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जरूरी दिशा निर्देश जारी किया गया है।
पोषण के प्रति जागरूकता के लिये होगी कई गतिविधियां
डीपीओ आईसीडीएस रंजना सिंह ने बताया कि 1 से 17 सितंबर के बीच सेविका, आशा व संबंधित एएनएम की मदद से आंगनबाड़ी पोषण क्षेत्र के 0 से 6 साल तक के बच्चों का वजन, ऊंचाई, लंबाई मापा जायेगा। ताकि बच्चों के पोषण के स्तर की पहचान की जा सके। उन्हें सामान्य, कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों को श्रेणीबद्ध करते हुए उन्हें सुपोषित करने की दिशा में जरूरी पहल की जायेगी। पोषण ट्रैकर एप पर इसकी जानकारी अपलोड की जायेगी । विभिन्न स्तरों पर पोषण परामर्श डेस्क स्थापित कर आम लोगों को उचित पोषण संबंधी जानकारी दी जायेगी। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना व प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के प्रति लाभुकों को जागरूक कर उन्हें इसका समुचित लाभ उपलब्ध कराया जायेगा। अभियान से जुड़ी तमाम गतिविधियों को पोषण अभियान डैशबोर्ड पर निश्चित रूप से संधारित की जायेगी ।
पूरे माह संचालित होगा जागरूकता अभियान
जिला पोषण समन्वयक कुणाल श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान के पहले सप्ताह में शहरी क्षेत्रों में पोषण व स्वच्छता को लेकर विशेष जागरूकता अभियान संचालित किया जायेगा। पोषण संबंधी जागरूता संदेश को व्यापक पैमाने पर प्रचारित व प्रसारित किया जायेगा। इस पर आधारित परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
आंगनबाड़ी केंद्र व स्कूलों में होंगे कार्यक्रम
जिला पोषण समन्वयक कुणाल श्रीवास्तव ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र, विद्यालय व ग्राम पंचायत स्तर पर पौधरोपण, पोषण वाटिका के निर्माण संबंधी गतिविधियां आयोजित की जायेगी। आंगनबाड़ी केंद्र पर विशेष आयोजन करते हुए क्षेत्र की महिलाओं व किशोरियों को एनीमिया के खतरों के प्रति सचेत व जागरूक किया जायेगा। स्थानीय स्तर पर पौष्टिक खाद्य सामग्री का प्रदर्शन, एनीमिया प्रबंधन, गर्भवती व धात्री महिलाओं के उचित देखरेख, स्कूली बच्चों के बीच पोषण विषय पर निबंध, भाषण जैसे प्रतियोगिता आयोजित किये जायेंगे। ताकि छोटे बच्चों में पोषण संबंधी उचित समझ विकसित किया जा सके।