दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : आज खण्डेलवाल कॉलेज, बरेली में एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन विषय “उत्पादकता में सुधार के लिए जैव प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल“ पर हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि डॉ. आर.के. सिंह, पूर्व निदेशक आईवीआरआई, बरेली, प्रो. आलोक श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष, एम.जे.पी. रोहिलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली, श्री मनीष मनोहर श्रीवास्तव, ए.जी.एम. पुनैसिया, बायोटेक, डॉ. समीर श्रीवास्तव, प्रमुख वैज्ञानिक, आईवीआरआई डॉ. विजय कुमार सिंघल, एसोसिएट प्रो. डॉ. आर.के. सिंह, डॉ. आलोक श्रीवास्तव, डॉ. आभा त्रिवेदी सभी वक्ताओं ने अपने-अपने विचार विमर्श किये। साथ ही कहा कि कैंसर आज भी लाइलाज बीमारी है। इस विचार गोष्ठी के द्वारा समाज को ऐसे बचाव के बारे में जानकारी दी गयी जिसके द्वारा हम कैंसर फैलाने वाले कारकों को कम कर सकते है। इस विचार गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य लोगों को जैव प्रौद्योगिकी के प्रति जागरूक करना तथा जैव प्रौद्योगिकी की तकनीकी द्वारा जानवरों तथा पौधों की उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकते हैं तथा इससे होने वाली बीमारियों से लड़ सकते हैं। जेनेटिक इंजीनियरिंग के द्वारा नए पशुओं तथा नए पौधों का निर्माण कैसे कर सकते हैं जिसमें किसी भी प्रकार की बीमारी ना हो और कम जगह में उत्पादकता को कैसे बढ़ा सकते हैं। सभी के विषय में विस्तृत चर्चा की गई और भारत सरकार द्वारा नए सुझाव के साथ-साथ विश्व व्यापी स्तर पर इसका समाधान खोजने पर भी चर्चा की गई। विभिन्न महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय के आए हुए शोध छात्रों, बायोटेक विभाग के छात्रों द्वारा मौखिक, पोस्टर प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुति की गई। जिनका आकलन आए हुए मुख्य अतिथियों द्वारा किया गया और उनको पुरस्कार वितरण किया गया। कार्यक्रम का संचालन अर्शमा खान द्वारा किया गया। इस विचार सम्मेलन में अतिथियों का स्वागत प्रबंध निदेशक डॉ विनय खण्डेलवाल, प्राचार्य डॉ. आर.के. सिंह द्वारा किया गया तथा संयोजक डॉ. निशा दिनकर, डॉ. फहीम खान, सहसंयोजक राकेश सरकार, अमित पाठक सौम्या शुक्ला अर्शमा खान, डॉ. स्वपनिल, जी.एफ.कॉलेज, डॉ. अर्पणा, डॉ. सुनीता, डॉ. शालिनी नागइच उपस्थित रहे।