राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन :-वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त का रखा गया है लक्ष्य

राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन :-
वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त का रखा गया है लक्ष्य:———-

देश को टीबी मुक्त करने के लिए करना होगा सतत प्रयास:—सिविल सर्जन ।

सरकार की ओर से दवा के साथ मिलता है आर्थिक सहयोग:—-सीडीओ ।

जनवरी से जुलाई तक 185 मरीजों की हुई पहचान:— एसटीएस ।

राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत भारत को वर्ष 2025 तक टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अलावा डब्ल्यूएचओ,कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट,रीच इंडिया,वर्ल्ड विजन इंडिया सहित कई अन्य सहयोगी संस्थाओं के द्वारा सहयोग किया जा रहा है।

सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि जिलाधिकारी श्री कुन्दन कुमार (भा०प्र०से० ) के दिशा – निर्देश में जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सा पदाधिकारी सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी टीबी उन्मूलन अभियान में जुटे हुए हैं।

टीबी मुक्त कार्यक्रम के तहत टीबी मरीजों को लंबे समय तक दवा खानी पड़ती है। हालांकि दवा लेने के दौरान बीच में मरीज को थोड़ी परेशानी भी होती है। क्योंकि मरीजों को बीच में ही दवा को छोड़ना पड़ जाता है। अगर दवा बीच में छोड़ दी जाए तो यह खतरनाक साबित हो सकती है।

आगामी 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के लिए हमलोगों को सतत प्रयास करना होगा। इसके लिए जिला से लेकर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक शिविर लगाकर लोगों की जांच की जा रही है।

अगर जांच में टीबी रोग के लक्षण पाएं जाते हैं तो इसका इलाज शुरू किया जाता है।

सरकार की ओर से दवा के साथ मिलता है आर्थिक सहयोग: सीडीओ

जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मिहिरकांत झा ने बताया कि सरकार द्वारा 2025 तक देश सहित जिले को टीबी रोग से मुक्त करने का निश्चय किया गया है। वहीं शत प्रतिशत सफ़लता को लेकर निश्चय पोर्टल के माध्यम से रोगियों से संबंधित सभी तरह का डेटा अपलोड किया जा रहा है।

क्योंकि मरीज को दवा लेने के बाद निबंधित मोबाइल नंबर से मिस्ड कॉल करना पड़ता है। अगर इस पर कॉल नहीं आता है तो वर्ल्ड विजन इंडिया के कर्मी के द्वारा कॉल किया जाता और दवा नहीं लेने का कारण पूछा जाता हैं।

इस तरह से मरीज की दवा खुराक की निगरानी हो रही है। इसके साथ ही निःशुल्क उचित परामर्श, इलाज के बाद दवा दी जाती है। साथ ही उन्हें सरकार की ओर से आर्थिक मदद भी दी जा रही है।

जनवरी से जुलाई तक 185 मरीजों की हुई पहचान: एसटीएस

वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक उमेश कुमार ने कहा कि स्थानीय प्रखंड में जनवरी महीने में 26, फरवरी में 26, मार्च में 25, अप्रैल में 29, मई में 33, जून में 23 और जुलाई में 23 मरीजों की पहचान हुई है।

जिनकी दवा नियमित रूप से चल रही है। वहीं निश्चय पोषण योजना के अंतर्गत 500 रुपए टीबी के मरीजों को उचित खुराक उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से दी जाती है।

दवा खाने समय तक यानी छः महीने तक निक्षय मित्र के द्वारा पौष्टिक आहार के रूप में फूड पैकेट दी जाती है। स्थानीय प्रखंड में फिलहाल 10 मरीजों को गोद लिया गया है।

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