प्रयागराज तीर्थ की तर्ज पर गीता स्थली कुरुक्षेत्र को बनाएंगे स्वच्छ और सुंदर : नायब सिंह

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

मुख्यमंत्री नायब सिंह कुरुक्षेत्र को स्वच्छ बनाने के लिए स्वयं करेंगे श्रमदान।
कुरुक्षेत्र को 27 नवम्बर से पहले स्वच्छ बनाने के लिए बांटा जाएगा 18 सेक्टरों में। गीता महोत्सव की व्यवस्थाओं पर निगरानी की कमान संभालें संस्थाएं।
कुरुक्षेत्र की तमाम धार्मिक और समाजसेवी संस्थाओं ने महोत्सव को भव्य और यादगार बनाने के दिए सुझाव।

कुरुक्षेत्र 22 नवम्बर : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रयागराज तीर्थ की तर्ज पर गीतास्थली कुरुक्षेत्र को भी स्वच्छ और सुंदर बनाया जाएगा। इस कर्मस्थली को पुर्णतय स्वच्छ बनाने के लिए वे स्वयं भी स्वच्छता अभियान में श्रमदान करेंगे। इस शहर को स्वच्छ बनाने के लिए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के सुझाव पर 18 सेक्टरों में बांटा जाएगा और 27 नवम्बर से पहले शहर को पुर्णतय स्वच्छ और सुंदर बनाने का प्रयास किया जाएगा। इस स्वच्छता अभियान में सभी समाजसेवी, धार्मिक, युवा, माताएं, बहनें और बाम नागरिक भी अपना सहयोग दें। सभी मिलकर इस धर्मक्षेत्र को स्वच्छ बनाएंगे ताकि पूरी दुनिया में स्वच्छ कुरुक्षेत्र के रूप में जाना जाए।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शुक्रवार को देर सायं गीता ज्ञान संस्थानम के सभागार में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के तत्वाधान में समाजसेवी संस्थाओं को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, महामंडलेश्वर डा. शाश्वतानंद महाराज, षडदर्शन साधुसमाज के संरक्षक महंत बंसीपुरी महाराज,अध्यक्ष परमहंस ज्ञानेश्वर महाराज श्री अवधूत आश्रम,स्वामी हरिओम परिवाजक,स्वामी सतपाल महाराज को शॉल भेंटकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर षडदर्शन साधुसमाज से महंत गुरुभगत सिंह, महंत ईश्वर दास, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, महंत सुनील दास, महंत राम अवतार दास, महंत महेश पुरी, महंत विशाल दास, महंत स्नेह दास इत्यादि संतों को भी सम्मानित किया गया।
इसके उपरांत केडीबी के मानद सचिव उपेंंद्र सिंघल, 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा व सदस्य विजय नरूला ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को परम्परा अनुसार सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र की सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने करीब 25 से ज्यादा सुझाव दिए। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाथ जोडक़र सभी संतों का स्वागत किया और सभी समाजसेवी व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि 28 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में सरकार व प्रशासन का कंधे से कंधा मिलकर सहयोग करें ताकि यह महोत्सव गरिमा और भव्यता के साथ सम्पन्न हो सके। इस पावन धरा पर ही 5161 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से पूरी दुनिया को गीता के उपदेश दिए। इन्हीं उपदेशों को जन-जन तक पंहुचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किला पर गीता महोत्सव का आयोजन किया और घर-घर तक पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को पंहुचाने का आहवान भी किया। इसके उपरांत पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से वर्ष 2016 में इस गीता जयंती को अंतरराष्ट्रीय महोत्सव का स्वरूप दिया गया। इतना ही नहीं, इस महोत्सव का आयोजन मोरशियस, इंग्लैंड, कनाडा, आस्टे्रलिया, श्रीलंका में भी किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि इस महोत्सव को और आगे बढ़ाने के लिए समाज के सहयोग की निहायत जरुरत है। इस महोत्सव के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए सभी को एक मंच पर एकत्रित होना चाहिए। इस महोत्सव के आयोजन के लिए सरकार की तरफ से बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी। इस महोत्सव में प्रशासन और केडीबी तमाम व्यवस्थाएं देख रहा है। इन व्यवस्थाओं पर निगरानी के लिए संस्थाओं के प्रतिनिधियों को कमान संभालने की जरुरत होगी। उन्होंने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र को 27 नवम्बर से पहले स्वच्छ बनाने के लिए एक रूपरेखा तैयार करनी होगी। इस रूपरेखा को तैयार करने की जिम्मेवारी उपायुक्त को सौंपी गई है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के सुझाव के अनुसार शहर को 18 सेक्टरों में विभाजित किया जाए और प्रत्येक सेक्टर की जिम्मेवारी समाजसेवी और धार्मिक संस्थाओं को सौंपी जाए।
उन्होंने कहा कि 27 नवम्बर से पहले कुरुक्षेत्र के स्वच्छता अभियान में वे स्वयं श्रमदान करने के लिए पंहुचेंगे और सभी के सांझे प्रयासों से प्रयागराज तीर्थ की तर्ज पर कुरुक्षेत्र को स्वच्छ और सुंदर बनाएंगे। इस महोत्सव में कुरुक्षेत्र 48 कोस के 182 तीर्थों पर भी एक ही समय में स्वच्छता अभियान चलाया जाए। इसके अलावा इन तीर्थों पर महोत्सव के दौरान दीपदान, सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ-साथ गीता जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाए। केडीबी के महासचिव उपेंद्र सिंघल ने मेहमानों का स्वागत करते हुए 28 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के तमाम कार्यक्रमों पर विस्तार से प्रकाश डाला और चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा ने मेहमानों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, पूर्व राज्य मंत्री सुभाष सुधा, उपायुक्त नेहा सिंह, केडीबी के सीईओ पंकज सेतिया, भाजपा नेता जय भगवान शर्मा डीडी, भाजपा नेता सुभाष कलसाना, भाजपा के जिलाध्यक्ष सुशील राणा, जिप के उपाध्यक्ष डीपी चौधरी, डा. ऋषिपाल मथाना, डा. एमके मोदगिल, अशोक रोशा, कर्मवीर सैनी, बलबीर गुर्जर, जसवंत पठानिया, युधिष्ठिïर बहल, डा. अवनीत वडै़च, सौरभ चौधरी, कैप्टन परमजीत, प्रवीण गुलाटी, प्रदीप झाम्ब, बाबु राम टाया, सैनी समाज के प्रधान गुरनाम सैनी, गुरनाम मंगोली सहित अन्य कार्यकर्ता व अधिकारीगण मौजूद थे।
पूरा विश्व ले रहा है अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव से प्रेरणा : गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान वैश्वी गीता पाठ जैसे कार्यक्रमों से पूरे विश्व को प्रेरणा मिल रही है। इस महोत्सव ने पूरे विश्व में अपनी एक पहचान बना ली है। इस महोत्सव को पांच देशों में पूरी गरिमा के साथ मनाया जा चुका है और अब संतों और समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से इस महोत्सव को और भव्य तरीके से मनाया जाना है। इसलिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्वयं समाजसेवी और धार्मिक संस्थाओं से मिलने के लिए पंहुचे हैं। इसलिए सभी संस्थाओं को इस महोत्सव को और आगे बढ़ाने के लिए अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में फिर से तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी है। इसलिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के प्रयासों से यह महोत्सव और अधिक मुकाम हासिल करेगा। इस महोत्सव को वर्ष 2014 में बढ़ा स्वरूप देने का काम किया गया और वर्ष 2015 में इस महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय महोत्सव का स्वरूप हासिल किया। हालांकि वर्ष 1989 से इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव में तमाम समाजसेवी संस्थाओं और आम नागरिकों के सहयोग की निहायत जरुरत होगी। सभी मिलकर इस महोत्सव को पूरी भव्यवता के साथ मनाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को लेकर 25 से ज्यादा दिए सुझाव
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को और भव्य तरीके से मनाने के लिए 25 से ज्यादा सुझाव दिए गए हैं। इसमें महामंडलेश्वर डा. शाश्वतानंद महाराज ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के 18 दिनों में प्राथमिक कक्षा से उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों और युवाओं को आमंत्रित किया जाए ताकि युवा पीढ़ी के ज़हन में पवित्र ग्रंथ गीता के संदेश समा सकें। इसके अलावा विद्वानों और महान संतों को लेकर एक संत सम्मेलन का आयोजन पांच दिन तक किया जाए। स्वामी बंसीपुरी महाराज ने सुझाव दिया कि श्री स्थानेश्वर महादेव मंदिर और माँ भद्रकाली दो शिव शक्ति पीठों को भी महोत्सव के साथ जोड़ा जाए। श्री भद्रकाली मंदिर के पीठाधीश सतपाल जी महाराज ने सुझाव दिया कि कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं ताकि देश-विदेश से पर्यटक कुरुक्षेत्र की तरफ आकर्षित हो सकें। इसके अलावा पंतजलि योगपीठ की तरफ से महोत्सव में खाने-पीने की खाद्य वस्तुओं में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए निरंतर जांच करने, महोत्सव के दौरान अन्य धार्मिक पुस्तकों के वितरण पर पाबंदी, पिछड़ा वर्ग के नेता राम कुमार रम्बा ने मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारिगरों को सम्मानित करने, वरिष्ठ नागरिक संस्था की तरफ से स्वच्छता और ड्रेनेज की व्यवस्था में सुधार लाने, इस्कॉन की तरफ से ज्योतिसर तक बस सेवा शुरू करने, श्रीब्राहम्ण तीर्थोद्घार सभा की तरफ से जय नारायण ने सन्निहित सरोवर पर आरती करने और रूके विकास कार्यों को पूरा करने, महोत्सव के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने, ब्रहमसरोवर से ज्योतिसर तक पैदल आने व जाने का मार्ग बनाने, महोत्सव को आमजन के अनुसार सुविधाजनक बनाने के सुझाव दिए गए।

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