वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुवि में चल रही आईसीएसएसआर प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न।
कुरुक्षेत्र, 31 अगस्त : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने कहा कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए एक महत्वाकांक्षी, साहसिक और परिवर्तनकारी एजेंडा तैयार करने की आवश्यकता है। इस विज़न में आर्थिक वृद्धि, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन सहित विकास के विभिन्न पहलू शामिल हैं। वे शुक्रवार को देर सांय अर्थशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित तथा भारतीय आर्थिक संघ द्वारा अकादमिक रूप से समर्थित आईसीएसएसआर द्वारा प्रायोजित विजन 2047ः सतत विकास लक्ष्यों को भारत की विकास आकांक्षाओं के साथ जोड़ना विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने अर्थशास्त्र विभाग, सेमिनार टीम, सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार विजेताओं और तकनीकी सत्रों के दौरान अपने शोध कार्य प्रस्तुत करने वाले सभी प्रतिभागियों को बधाई दी। आईएसआईडी, नई दिल्ली के निदेशक प्रो. नागेश कुमार ने अपना समापन भाषण दिया। उन्होंने रोजगार के अवसर पैदा करने और भारतीय अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने में विनिर्माण क्षेत्र की क्षमता के बारे में बताया। इस सत्र के प्रारंभ में सेमिनार निदेशक प्रो. अशोक चौहान, अध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग ने सभी गणमान्यों, अतिथियों तथा प्रतिभागियों का स्वागत किया।
सेमिनार की आयोजन सचिव डॉ. प्रिया शर्मा ने इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार के लिए चुने गए पेपर प्रस्तुतकर्ताओं के नामों की भी घोषणा की। सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर एमेरिटस टी. आर. कुंडू ने की, जो इस सेमिनार के प्रेरणास्रोत थे।
अंत में, अतिथियों और प्रतिभागियों ने सेमिनार पर अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दी, अपने सकारात्मक अनुभव साझा किए और इन दो दिनों में उन्होंने क्या सीखा। सेमिनार की संयोजक डॉ. हेमलता शर्मा, ने सभी अतिथियों, वक्ताओं, प्रस्तुतकर्ताओं, छात्रों और सेमिनार के सभी हितधारकों को धन्यवाद दिया। सेमिनार का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
इस अवसर पर प्रो. टीआर. कुंडू, प्रो. अशोक चौहान, डॉ. संजीव बंसल, डॉ. हेमलता शर्मा, डॉ. प्रिया शर्मा, डॉ. निधि बगरिया, डॉ. सुनील ढुल, डॉ. विजेन्द्र सहित शिक्षक व शोधार्थी मौजूद थे।
संगोष्ठी के दूसरे दिन छह तकनीकी सत्र आयोजित।
आईसीएसएसआर प्रायोजित संगोष्ठी के दूसरे दिन भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से छह तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों से 120 से अधिक प्रतिभागियों ने सामाजिक-आर्थिक विषमताएं, सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, जलवायु परिवर्तन, जल प्रबंधन, ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, परिपत्र अर्थव्यवस्था, वित्तीय समावेशन और नैतिक शासन जैसे उप-विषयों को कवर करते हुए अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए। इन तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता क्रमशः डॉ. दिव्या वर्मा, जीजीएसआईपीयू दिल्ली, डॉ. पूजा सक्सेना निगम, हिंदू कॉलेज डीयू, डॉ. किरण लांबा, केयूके, डॉ. निधि बागरिया, केयूके, डॉ. राजेश कुमार, एमडीयू, रोहतक, प्रो. एन. के. बिश्नोई, जीजेयूएसटी हिसार तथा डॉ. प्रीति शर्मा, एसएनआरएल जयराम गर्ल्स कॉलेज, लोहार माजरा ने की। इन विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों की प्रस्तुतियों का गंभीरता से मूल्यांकन किया तथा उनके शोध प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए उनके प्रश्नों के उत्तर दिए।