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सत्य साई सेवा केंद्र, कुरुक्षेत्र द्वारा श्रीमद् भागवत कथा आयोजन का तीसरा दिन।
कुरुक्षेत्र,18 अप्रैल : सेक्टर 7 के श्री सत्य साई सेवा केंद्र में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक संत ऋतुराज महाराज (इंदौर) ने माता सती एवं ध्रुव चरित्र सुनाया।कथाव्यास ने कहा कि सती दक्ष प्रजापति की पुत्री और भगवान शिव की पत्नी थी।शिवपुराण के अनुसार ब्रह्मा जी को भगवान शिव के विवाह की चिंता हुई तो उन्होंने भगवान विष्णु की स्तुति की और विष्णु जी ने प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी को बताया कि यदि भगवान शिव का विवाह करवाना है तो देवी शिवा की आराधना कीजिए।वहीं,ध्रुव चरित्र में बताया गया कि सतयुग के दौरान अवधपुरी में राजा उत्तानपाद राज किया करते थे। उनकी बड़ी रानी का नाम सुनीति था और उनके कोई संतान नहीं थी। देवर्षि नारद ने रानी को बताया कि यदि तुम राजा की दूसरी शादी कराओगी तो संतान प्राप्त होगी। रानी अपनी छोटी बहन सुरूचि की शादी राजा से करा देती है। कुछ समय बाद सुरूचि को एक संतान की प्राप्ति होती है, जिसका नाम उत्तम रखा गया। उसके कुछ दिन बाद बड़ी रानी भी बालक ध्रुव को जन्म देती है। पांच वर्ष बाद जब राजा उत्तम का जन्मदिन मना रहे थे तो बालक ध्रुव भी बच्चों के साथ खेलता हुआ उनकी गोद में बैठ गया, जिसपर सुरूचि उसे उठा देती है और कहती है कि यदि अपने पिता की गोद में बैठना है तो अगले जन्म तक इंतजार कर। बालक ध्रुव को यह बात चुभ जाती है और वह वन में जाकर कठिन तपस्या करते हैं। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु उसे मनचाहा वरदान देने की कृपा करते हैं। इस प्रसंग से यह शिक्षा मिलती है कि किसी से भेदभाव नहीं करना चाहिए और प्रभु की भक्ति में कोई विघ्न नहीं डालना चाहिए।कथा से पूर्व आयोजन समिति के सभी सदस्यों ने सर्वदेव पूजन एवं श्रीसत्य साई पूजन किया। कथा के दौरान सुनाए गए भजनों पर भक्त झूम उठे। भागवत आरती में प्रांतीय अध्यक्ष डॉ रामभज खरब, प्रांतीय संयोजक प्रीतम तंवर,कुरुक्षेत्र जिला प्रधान रविन्द्र सिंगला, समिति संयोजक नरेंद्र कुमार शर्मा, जींद से डॉ रामपाल मोर, ट्रस्ट सदस्य एल.एम नरूला , स्थानीय ट्रस्ट सचिव रमेश शर्मा, समिति कोषाध्यक्ष वाई.पी.शर्मा, डी.आर.गुप्ता, प्रवीण टुटेजा, ओ पी ग्रोवर, आन्नंद शर्मा व निखिल आन्नद, राजन शर्मा सहित सभी ट्रस्ट मेंबर शामिल रहे।