आजादी के बाद बना पंचायत भवन ध्वस्त, किसी ने नहीं ली सुध
हसेरन कस्बे आर्यावर्त बैंक के पास गढ़ी मोहल्ले में पंचायत भवन जर्जर हो चला है l पंचायत घर का नामोनिशान मिट चुका है l किसी भी ग्राम प्रधान ब्लाक के आला अधिकारियों ने आज तक ध्यान नहीं दिया ना ही उसकी देखरेख की गई l 1947 में देश आजाद हुआ आजादी के बाद सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान को चुना गया l हसेरन कस्बे में आजादी के बाद प्रथम प्रधान पद पर लक्ष्मीधर पांडे चुने गए l जिन्होंने पंचायत घर का निर्माण 1955 ईस्वी में किया था l पंचायत घर में पंचायत होने का कार्य किया गया l भवन के कुछ भाग में सरकारी अस्पताल, शिक्षा के क्षेत्र में विद्यालय, चलाकर कार्य किया गया l हसेरन ब्लॉक बनाए जाने पर पंचायत भवन में ब्लॉक कार्यकाल भी बनाया गया l 1980 ईस्वी में प्रधान पद पर अंगद प्रसाद शुक्ल ने गांव की समस्याओं का निराकरण उसी पंचायत भवन में बैठकर किया l 1990 तक भवन की देखरेख ग्राम प्रधान द्वारा की गयी l 1990 से आज तक किसी भी प्रधान पद ने उस भवन की तरफ ध्यान नहीं दिया l नाही ब्लॉक के अधिकारी और कर्मचारियों ने ध्यान दिया l पंचायत घर टूटा हुआ जर्जर पड़ा हुआ है l करीब 65 वर्ष पुराना भवन आज खंडहर के रूप में दिखाई दे रहा है l सरकार की तमाम योजनाएं आई और गई किसी योजना ने पंचायत भवन पर ध्यान नहीं दिया l जबकि गांव गांव में पंचायत भवन नए सिरे से बनाए गए हैं और सुचारू रूप से चलाए जा रहे है l वही गांव के शिवानंद शुक्ला, रामअवतार स्वर्णकार, पंकज मिश्रा, नीरज , सुशील मिश्र , किशोर दुबे, रामचंद्र, कुलदीप गुप्ता , सहित लोगों ने पंचायत भवन बनवाए जाने की बात कही l