राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत अब मिलेगा 44 बीमारियों का मुफ्त उपचार
✍️ दिव्या बाजपेई
कन्नौज । राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत शून्य से 18 साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य का ख्याल रखा जाता है। इसके तहत अब तक दिल में छेद, पीठ पर फोड़ा, कटे हुए होठ, टेढ़े-मेढ़े पैर जैसी 38 बीमारियों का उपचार होता था। लेकिन अब छह और बीमारियों को भी जोड़ा गया है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा.ए.के.जाटव ने बताया कि बच्चे कई प्रकार की जन्मजात बीमारियों से ग्रसित होते है।उनका इलाज सही समय पर हो यह बहुत जरूरी है। शासन की ओर से अच्छी पहल की गई है। इससे स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ होंगी। बच्चों की बीमारियों का इलाज किया जा सकेगा। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीईआरसी मैनेजर ने बताया कि यह भारत सरकार स्वास्थ्य योजना है। जिसके तहत 18 और उससे कम उम्र के बच्चों को सरकार की ओर से मुफ्त इलाज और चेकअप करवाया जाता है। जन्मजात बीमारियों से कई ऐसे बच्चे होते हैं।ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे बच्चे हैं जिनके परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है या वो चिकित्सा सेवा की पहुंच से दूर हैं, ऐसे बच्चों के लिए ये योजना लाभदायक है। योजना के तहत जन्म के समय कोई रोग, बीमारी या चेकअप के दौरान बीमारी का पता चलने पर बच्चे को मुफ्त इलाज दिया जाता है इसके अलावा स्कूलों में चेकअप और नवजात शिशुओं को स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच की जाती है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से स्कूल, आशा कार्यकर्ता भी जुड़े होते हैं। इस लेख में हम इस योजना के फायदों पर चर्चा करेंगे। इन बीमारियों का जोड़ा गया…
फेफड़ो की टी.बी., विटामिन वी काम्प्लेक्स,डिफिसंएसी,माइक्रोसिफेली,मैकोसिफेली,
लैपौसी बीमारियों का इलाज किया जा सकेगा।