बिहार:कुपोषित बच्चों को पोषित कर रहा सदर अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र

कुपोषित बच्चों को पोषित कर रहा सदर अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र

  • बच्चों को सही पोषण के साथ दी जाती है चिकित्सकीय सहायता
  • पुनर्वास केंद्र में बच्चों के साथ रहने वाले परिजनों को भी दिया जाता है पोषाहार
  • केंद्र में रहने पर परिजनों को दी जाती है दैनिक भत्ता

कटिहार, ‘जन्म से ही मेरी बेटी साक्षी का वजन बहुत कम था। अस्पताल में डॉक्टरों ने कहा था कि समय पर माँ का दूध पिलाने और खाना खिलाने से कुछ दिनों में यह सामान्य बच्चों की तरह तंदुरुस्त हो जाएगी। लेकिन बीतते समय के साथ उसके शरीर में कुछ खास परिवर्तन नहीं हो रहा था। स्थानीय लोगों ने झाड़-फूक करवाने की भी सलाह दी जिसके बाद भी उसमें कोई असर नहीं हुआ। उसमें सामान्य बच्चों से बहुत कम फुर्ती रहती थी। हर समय बीमार लगती थी। फिर जिला सदर अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र से कुछ लोग उसकी जांच के लिए आए। उसके शरीर को देखते हुए उसने साक्षी को केंद्र में कुछ दिन भर्ती करने कहा। फिर हमने उसे सदर अस्पताल के पोषण केंद्र में भर्ती कराया। वहां 14 दिन तक साक्षी को रखा गया जिससे उसमें बहुत बदलाव आ गया। उसके बाद वो भी सामान्य बच्चों की तरह हर काम में फुर्ती दिखाने लगी और ज्यादा खुश रहने लगी। माँ होने के नाते मेरे लिए यह सबसे अच्छा फीलिंग रहा कि अब मेरी बेटी बहुत अच्छी है।’ यह बातें कही सदर प्रखंड के तिनगछिया पंचायत की मुनिता देवी ने। उसकी ढाई साल की बेटी साक्षी कुमारी जो जन्म से ही कुपोषण की शिकार थी उसे 14 दिन जिला सदर अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र में उपचार के बाद सामान्य बच्चों की भांति तंदुरुस्त किया गया था। मुनिता देवी ने बताया कि दो साल की उसकी बेटी का वजन पुनर्वास केंद्र आने से पहले सिर्फ 05 किलो 900 ग्राम था लेकिन सिर्फ 14 दिन पुनर्वास केंद्र में रहने के बाद उनका वजन 07 किलो 175 ग्राम हो गया। इस दौरान उनकी शारीरिक बनावट में भी बदलाव हुआ और वो पहले से ज्यादा स्वस्थ्य हो गई। पोषण पुनर्वास केंद्र में रहने के दौरान न सिर्फ साक्षी को बल्कि उनके साथ पोषण केंद्र में रह रहे उनके परिजन को भी पर्याप्त पोषण दिया गया। इसके साथ ही 14 दिन पोषण पुनर्वास केंद्र में बिताने के लिए उनके परिवार को प्रतिदिन के अनुसार दैनिक भत्ता भी दी गयी।

कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए संचालित है पोषण पुनर्वास केंद्र :
डीपीएम स्वास्थ्य डॉ. किसलय कुमार ने बताया कि जन्म के बाद से बच्चों के शरीर में पर्याप्त वृद्धि नहीं होने पर ऐसे बच्चों को कुपोषित बच्चों की श्रेणी में रखा जाता है। उन बच्चों को प्रतिदिन सही मात्रा में अच्छा पोषण देने की जरूरत होती है जिससे उन्हें सुपोषित किया जा सके। इसके लिए सदर अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र संचालित है । जहां सभी कुपोषित बच्चों को चिकित्सकों की सहायता से सही पोषण देते हुए उन्हें स्वस्थ्य किया जाता है। इस दौरान बच्चों को सही समय पर अलग-अलग प्रकार के पोषण व आवश्यक दवाइयां दी जाती हैं। पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों के साथ उनके एक परिजनों के भी रहने की व्यवस्था है। बच्चे के स्वस्थ्य होने तक उन्हें भी रहने-खाने की की सुविधा दी जाती है। इसके साथ ही उन्हें प्रतिदिन के अनुसार सरकारी दैनिक भत्ता भी दिलाया जाता है। सभी क्षेत्र से कुपोषित बच्चों को पोषण पुर्नवास केंद्र भेजने वाले स्थानीय आशा को भी 150 रुपये प्रति बच्चा प्रोत्साहन राशि दी जाती है। यहां से ठीक होने वाले बच्चों का नियमित रूप से फॉलोअप भी किया जाता है। डीपीएम ने कहा कि वर्तमान में जिला पोषण पुनर्वास केंद्र में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में बेड और बच्चों के खेलने के लिए खिलौने उपलब्ध हैं। जिससे यहां रहने वाले बच्चों व उनके परिजनों को कोई समस्या न हो सके। सभी क्षेत्र के फ्रंटलाइन कर्मियों को अपने क्षेत्र के कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र भेजना चाहिए। जिससे कि उन्हें स्वस्थ्य करते हुए उनका भविष्य सुरक्षित किया जा सके।

पुनर्वास केंद्र में बच्चों के साथ रहने वाले परिजनों को भी दिया जाता है पोषाहार :
पोषण पुनर्वास केंद्र की पोषण विशेषज्ञ रानी गुप्ता ने बताया कि पोषण पुनर्वास केंद्र में रहने वाले सभी बच्चों को सुपोषित करने के लिए सही डाइट चार्ट के अनुसार पोषण दिया जाता है। केंद्र में सभी बच्चों को प्रतिदिन 08 बार पोषण कराया जाता है। जिसमें उन्हें अलग-अलग तरह का भोजन कराया जाता है। इसके साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य के अनुसार उन्हें मेडिसिन दी जाती है जिससे कि वे जल्द स्वस्थ्य हो सकें। उन्होंने बताया कि पुनर्वास केंद्र में बच्चों के साथ उनके एक परिजनों को भी रहने की व्यवस्था है। इस दौरान उन्हें भी प्रतिदिन भोजन कराया जाता है। पोषण पुनर्वास में रहने वाले सभी बच्चों के परिजनों के खाते में प्रतिदिन के अनुसार 257 रुपये सरकारी दैनिक भत्ता दी जाती है। पुनर्वास केंद्र से स्वस्थ हो गए बच्चों को फॉलोअप के लिए भी बुलाया जाता है। इस दौरान भी उन्हें 60 रुपये की भत्ता दी जाती है। रानी गुप्ता ने कहा कि पोषण पुनर्वास केंद्र में कुल 20 बेड उपलब्ध हैं। वर्तमान में 10 कुपोषित बच्चों को केंद्र में सुपोषित किया जा रहा है। केंद्र के संचालन में कम्युनिटी बेस्ड इन्सटेंडर्ड अभिषेक कुमार एवं वार्ड अटेंडेंट निरंजन निराला द्वारा सहयोग किया जाता है।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

आज़मगढ़:बसपा प्रत्याशी ने कहा 40 साल में विधायक ने नहीं कराया कोई विकास कार्य

Sun Feb 13 , 2022
आजमगढ़ बसपा प्रत्याशी ने कहा 40 साल में विधायक ने नहीं कराया कोई विकास कार्य आजमगढ़ उत्तर प्रदेश में चुनाव का माहौल काफी दिलचस्प होता दिखाई दे रहा है वही यूपी के आजमगढ़ जिले में सभी प्रत्याशियों ने जनसंपर्क तेज कर दिया है हम बात कर रहे हैं आजमगढ़ जिले […]

You May Like

advertisement