कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से 200 गुणा संक्रामक हो सकता ओमिक्रोन वेरियंट : डॉ. रजनीकांत

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877
छाया – वीना गर्ग।

कुरुक्षेत्र :- दुनियाभर में कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है। कोरोना का ओमिक्रोन वेरिएंट, डेल्टा वेरियंट से 200 गुणा संक्रामक हो सकता है। इसे अब तक का सबसे ज्यादा म्यूटेशन वाला वेरिएंट बताया जा रहा है। टीकाकरण होने के बाद भी ये कितनी तेजी से फैल सकता है और इसे लेकर क्या करना चाहिए। इस पर वैज्ञानिकों द्वारा शोध किया जा रहा है। इस वायरस कम घातक और ज्यादा संक्रामकता वाला बताया जा रहा है। इसलिए कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भारत सरकार द्वारा बताई गई गाइडलाइन का पालन करें। ये बातें आयुष विवि में रिसर्च एंड इनोवेशन विभाग के प्रो. डॉ. रजनीकांत ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के छात्र – छात्राओं को संबोधित करते हुए कही।
श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय द्वारा थानेसर ब्लॉक के सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के अंदर कोरोना जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अब तक सात स्कूलों के लगभग दो हजार से अधिक बच्चों को डेंगू और कोरोना महामारी से बचाव की जानकारी दी गई है। डॉ. रजनीकांत ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के अंदर ओमिक्रोन के केस पाए गए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इस स्ट्रेन के लोगों के ऊपर लक्षण बहुत सामान्य है। जैसे कि व्यक्ति को लंबे समय तक थकान महसूस होना व गले मे ख़राश रहना। इसके साथ ही पीड़ित व्यक्ति की सुंघने और स्वाद की क्षमता बरकरार रहती है जो की डेल्टा वैरिएंट के संक्रमण में खत्म हो जाती थी । वायरस के हमारे शरीर की कोशिकाओं से संपर्क बनाने वाले हिस्से की बात करें तो इसमें 10 म्यूटेशन हुए हैं, जबकि डेल्टा वेरियंट में 02 ही म्यूटेशन थे। इसलिए ओमिक्रोन वेरियंट ज्यादा संक्रामक हो सकता है। सावधानियां अपनाएं और सतर्क रहें। मास्क का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें। इस दौरान योग शिक्षक योगेंद्र कुमार ने छात्र-छात्राओं को योग कराए। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन योग करने से व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। अच्छे आहार के साथ-साथ रोजाना योग करें। जिस प्रकार अच्छा आहार औषधि का काम करता है। उसी प्रकार योग व्यक्ति के बाह्य व अंदरूनी अंगों को मजबूत बनाता है। कार्यक्रम में विद्यार्थियों को औषधीय पौधे बांटे गए। हॉट्रीकल्चर सुपरवाइजर शशीकांत पाठक ने औषधीय पौधों के लाभ छात्र-छात्राओं को बताए। अन्त में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय प्रतापगढ़ के प्रिंसिपल रामकुमार ने आयुष विवि की टीम का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर आयुष विवि से मनोज कुमार, व स्कूल का स्टाफ मौजूद रहा।

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