फिरोजपुर 01 सितंबर 2022 [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]:=
भक्ति भजन ग्रुप फिरोजपुर की ओर से कई मंदिरों व घरों में विराजमान गणपति बप्पा की आराधना करने के लिए घर-घर जाकर श्री सनातन धर्म का किया जा रहा है सत्संग के माध्यम से प्रचार एवं प्रसार
श्री कमल कालिया प्रधान सरहदी लोक सेवा समिति फिरोजपुर जी के घर जाकर ग्रुप के सदस्यों ने श्री गणपति महाराज की भजनों द्वारा आराधना की सत्संग किया ।
श्री धर्मपाल बंसल डायरेक्टर एसबीएस नर्सिंग कॉलेज व हारमोनी आयुर्वेद कॉलेज एवं अस्पताल ने बताया कि आज गणपति चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा विराजमान हुए हैं। और दिनांक 09 सितंबर को विसर्जन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। श्रद्धालु गण ईस दिन अपने मंदिरों या घरों पर गणेश जी की स्थापना करते हैं। इस दिन के पर्व को गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गणेश जी का जन्म हुआ था। चतुर्थी के दिन ही व्यास जी ने श्लोक बोलना और गणेश जी ने महाभारत को लिपि बंद करना प्रारंभ किया था। उसके बाद 10 दिन बाल अनंत चतुर्थी को लेखन का कार्य समाप्त हुआ था। इन 10 दिनों में उनका शरीर जनमत हो गया और शरीर पर धूल मिट्टी की परत जमा हो गई। तब 10 दिन बाद गणेश जी ने सरस्वती नदी में स्नान करके अपने शरीर पर जमी धूल और मिट्टी को साफ किया था। इसीलिए गणेश चतुर्थी पर गणेश जी को स्थापित किया जाता है और 10 दिन मन वचन कर्म और भक्ति भाव से उनकी उपासना करके अनंत को विसर्जित कर दिया जाता है। इसीलिए हमारे ग्रुप ने निर्णय लिया है कि हम रोजाना किसी ना किसी घर जाकर गणपति जी की आराधना व सत्संग करेंगे इसी कड़ी में दूसरा सत्संग आज पंडित कैलाश शर्मा जी के घर हो रहा है। जो किसी ना किसी घर पर दिनांक 09 सितंबर तक निरंतर जारी रहेगा।
श्री कमल कालिया व अशोक गर्ग ने बताया कि हमें 10 दिन संयम के साथ बिताते हुए आत्म अवलोकन करना चाहिए और सभी इंद्रियों पर नियंत्रण रखते हुए भगवान की भक्ति में ध्यान लगाना चाहिए।
प्रिय मुकेश गोयल ने बताया कि भक्ति भजन फिरोजपुर निशुल्क सेवा प्रदान कर रहा है। इसके लिए हमें कुछ नियम बनाए हैं। जैसा कि सत्संग में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को तिलक लगाया जाएगा। सत्संग बिल्कुल सादगी तरीके से किया जाएगा। सनातन धर्म का प्रचार करने के लिए राष्ट्रीय भाषा हिंदी का प्रयोग किया जाएगा। समाज के छोटे बच्चों को जागृत करने के लिए प्रयास किए जाएंगे और उनको सनातन धर्म से जोड़ा जाएगा। सत्संग की समाप्ति पर घर के मुखिया को सिरोपा भेंट किया जाएगा और सम्मान के तौर पर भगवान का सुंदर स्वरूप भेंट किया जाएगा।