नवरात्रि पर दुर्गा पूजा से होती है मनोकामना पूर्ण : अमित मौदगिल

नवरात्रि पर दुर्गा पूजा से होती है मनोकामना पूर्ण : अमित मौदगिल।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी, दूरभाष – 9416191877
कुरुक्षेत्र : विश्व विख्यात प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पण्डित अमित मौदगिल ने इस बार नवरात्रि को मां दुर्गा को प्रसन्न और मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए विशेष जानकारी देते हुए बताया कि नवरात्रि में मां दुर्गा को प्रसन्न करने का एक मात्र उपाय दुर्गासप्तशती का त्रिकाल पाठ पूर्ण शुद्धता से करने पर मां दुर्गा प्रसन्न होकर परिवार में बिना वजह से क्लेश, रोगों का निवारण अयोग्यता के साथ परिवार में बरकत व्यापार में तरक्की और मानसिक शांति संभव है। उन्होंने बताया कि नवरात्रि में कलश स्थापना का मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 29 मार्च 2025, शाम 4:27 बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त: 30 मार्च 2025, दोपहर 12:49 बजे।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त: सुबह 6:13 बजे से 10:22 बजे तक।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:01 बजे से 12:50 बजे तक।
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में करने से व्रत और पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है।
माता के आगमन और प्रस्थान का वाहन।
इस बार नवरात्रि का आरंभ और समापन दोनों रविवार को हो रहा है, जिससे मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी और इसी पर प्रस्थान करेंगी। हाथी पर माता का आगमन बेहद शुभ माना जाता है, जो अच्छे वर्षा चक्र, समृद्धि और खुशहाली का संकेत देता है। मान्यता है कि देवी की सवारी से आने वाले समय की स्थिति का अंदाजा लगाया जाता है, जिसमें प्रकृति, कृषि और समाज पर पड़ने वाले प्रभाव शामिल होते हैं।
चैत्र नवरात्रि के 9 दिन
30 मार्च 2025- प्रतिपदा तिथि- मां शैलपुत्री
31 मार्च 2025- द्वितीया तिथि- मां ब्रह्मचारिणी
1 अप्रैल 2025-तृतीया तिथि- मां चंद्रघंटा
2 अप्रैल 2025-चतुर्थी तिथि- मां कूष्मांडा
3 अप्रैल 2025- पंचमी तिथि- मां स्कंदमाता
4 अप्रैल 2025-षष्ठी तिथि- मां कात्यायनी
5 अप्रैल 2025-सप्तमी तिथि- मां कालरात्रि
6 अप्रैल 2025- अष्टमी तिथि- मां महागौरी
7 अप्रैल 2025- नवमी तिथि- मां सिद्धिदात्री।
मुख्य कार्यालय भारत: अमित मौदगिल, ज्योतिष विद्या केन्द्र, सारस्वत ब्राह्मण धर्मशाला कुरूक्षेत्र दूरभाष: 98960 01492, 93156 87900
कोई भी धार्मिक अनुष्ठान, पूजा पाठ, हवन, यज्ञ, शादी विवाह, महामृत्युंजय मन्त्र जप, माँ भगवती गायत्री मन्त्र जाप, माॅं राजराजेश्वरी बगलामुखी अनुष्ठान
गण्डमूल शांति हेतु पूजा, नवग्रह पूजा।
श्री अखण्ड रामायण पाठ, श्रीमद् भागवत कथा,पितृ शांति पाठ,नारायण नाग बली, नारायण बली, त्रिपिंडी श्राद्ध, कुंडली मिलान, जन्म कुंडली पत्रिका, राशी रत्न (नग) आदि के लिए सम्पर्क कर सकते है।