बिहार:आपातकाल की 47 वीं बरसी पर उपमुख्यमंत्री ने कहा भारत की जनता 1975 को नहीं भूल सकती

एम एन बादल

आपातकाल की 47वीं बरसी पर भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष राकेश कुमार की अध्यक्षता में राजेन्द्र नगर मधुबनी स्थित जिला कार्यालय में काला दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत वर्चुअल माध्यम से जुड़े बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने अपने सम्बोधन से किया। उन्होंने 1975 मे लागू हुई आपातकाल के समय को याद करते हुए कहा कि 25 जून 1975 को लोकतंत्र का गला घोंटा गया था। कांग्रेस के निरंकुश शासन को देश की जनता कभी नही भूल सकती। जिलाध्यक्ष राकेश कुमार ने इस अवसर पर एक प्रेस वार्ता आयोजित किया। इस प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष राकेश कुमार, दिलीप कुमार दीपक, सकलदीप राजपाल, उपाध्यक्ष अनन्त भारती, संजीव सिंह, मीडिया प्रभारी, सुमित प्रकाश उपस्थित थे। प्रेस को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष राकेश कुमार ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास लोकतंत्र हनन करने का रहा है। भाजपा सरकार का मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र की रक्षा करना है। आपातकाल देश के इतिहास का काला दिन है। ये दिन याद दिलाता है कि किस तरह कांग्रेस ने अपनी दमनकारी नीति के तहत लोगों में डर पैदा किया और अपनी सरकार बचाने के लिए मनमानी की। आपातकाल के दौरान पांचजन्य, मदर इंडिया, ऑर्गनाइजर, मराठा टाइम्स, स्वदेश, युगधर्म, तरुण भारत, पंजाब केसरी इत्यदि को विशेष रूप से प्रताड़ित किया गया। समाज में बुद्धिजीवियों, कलाकारों, साहित्यकारों, पत्रकारों और लेखकों के साथ साथ प्राध्यापकों और वकीलों को भी संघ से सम्बंध होने की आंशका पर गिरफ्तार कर जेल में ठूंस दिया जाता था। प्रेस पर प्री-सेंसरशिप लगा दी गयी थी। 253 से ज्यादा पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया था। मीसा एवं डी.आई.आर कानून अंतर्गत जेल में बंद हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता वर्तमान में प्रवक्ता दिलीप कुमार दीपक ने उस वक्त के तानाशाही स्थिति को याद करते हुए कहा कि उन पर बम बनाने का आरोप लगाया गया था। उस समय लोकनायक जयप्रकाश को रात में ही सोते हुए से जगाकर गिरफ्तार कर लिया गया था। उनलोगों को भूमिगत होकर छिप छिप कर रहना पड़ता था। मीसा बंदियों मे पूर्णियां के सकलदीप राजपाल ने बताया कि कैसे उनलोगों को संघ द्वारा जत्था मुहैया करवा कर उनके जान की रक्षा करनी पड़ी थी। कैलाशपति मिश्र समय समय उनका मार्गदर्शन करते थे। किंतु उनके घर को तोड़ने का आदेश आ जाने पर उन्हें उनके घर से घसीट कर गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त के संस्मरण को याद करते हुए सकलदीप राजपाल ने कहा कि बर्बरता का वह दृश्य ऐसा था कि आज भी उसे याद कर रौंगटे खड़े हो जाते है। आपातकाल की बरसी पर आयोजित काला दिवस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए सुमित प्रकाश ने बताया कि इस अवसर पर साहित्यकार गौरीशंकर पूर्वोत्तरी, शिक्षक संजय सिंह, गिरजांनन्द मिश्र, रंगकर्मी मिथलेश रॉय इत्यदि ने अपने विचारों को रखा। भाजपा द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन इसी लिए किया जा रहा है कि काले दिनों के दौरान जो लोग भी जूझे है उनका सम्मान किया जा सके। कार्यक्रम प्रभारी अनन्त भारती ने मीसा बंदियों मे सम्मानित हुए लोगो की जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा के दिलीप कुमार दीपक, सकलदीप राजपाल, अशोक कुमार सिंह, नरेन्द्र नारायण प्रसाद एवं स्वर्गीय बालगोपाल प्रसाद की धर्मपत्नी रत्ना प्रसाद को अंगवस्त्र देकर भाजपा द्वारा सम्मानित किया गया। आपातकाल के वक्त आप सबों के संघर्ष से आज के युवा कार्यकर्ताओं को प्रेरणा मिलती है कि कैसे अन्याय के विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए। इस अवसर पर भाजपा के प्रमुख जिला पदाधिकारी, मंच, मोर्चा, प्रकोष्ठ, प्रकल्प के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में मंच संचालन कार्यक्रम प्रभारी उपाध्यक्ष अनन्त भारती ने किया। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी सुमित प्रकाश ने दी।

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