कुलपति के दिशा निर्देश पर कृषि महाविद्यालय कोटवा का पढाई सत्र हुआ शुरू
आजमगढ़|कृषि महाविद्यालय कोटवा में कुलपति के दिशा निर्देशन में सभी वर्षो के पाठ्यक्रम की पढ़ाई ऑफलाइन माध्यम में प्रारंभ हो चुकी है। बी एस सी के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव कार्यक्रम की शुरुआत भी हो चुकी है। महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो धीरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि सभी छात्रों को कोविड नियमों का कड़ाई से पालन करना है। कार्यक्रम का आयोजन कोटवा गांव में ही किया जा रहा है। आपको अवगत करादे कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने कृषि का अध्धयन करने वाले विद्यार्थियों को कृषि एवं किसान से जोड़ने के लिए ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव कार्यक्रम का आयोजन किया है। यह कार्यक्रम प्रत्येक कृषि विश्वविद्यालय मे लागू किया गया है। दरअसल बीएससी (कृषि) के सातवें सेमेस्टर के विद्यार्थियों को छह माह का प्रायोगिक प्रशिक्षण कराया जाता है। जिसमे वे फसलों के उत्पादन से सम्बंधित सभी जानकारी का अध्धयन करते हैं। इसके साथ साथ फसलो की जुताई-बुबाई, खाद-पानी, पादप रोग प्रबंधन आदि से लेकर फसल की कटाई एव मड़ाई तथा परंपरागत कृषि के तरीकों का भी अध्धयन करते हैं। जैसा कि हम सब जानते है कि कृषि में स्नातक कर रहे छात्र कृषि के विभिन्न शाखाओं का सैद्धांतिक अध्ययन निपुणता के साथ करते है जैसे कि उद्यान विज्ञान , सस्य विज्ञान, मृदा विज्ञान, कृषि अर्थशास्त्र, कीट विज्ञान, आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन, पादप रोग विज्ञान, कृषि प्रसार, कृषि अभियांत्रिकी आदि। इन सभी विषयों की जानकारी अगर वे किसानों के साथ साझा करेंगे तो वे कृषि विकास एवं उन्नति मे अपना योगदान देने में सहायक बनेंगे। ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव के समन्वयक डॉ रेनू गंगवार, डॉ प्रकाश यादव एवं डॉ विमलेश कुमार ने सभी छात्रों को किसानों के साथ संग्लन कर दिया है।